सिविल अस्पताल में जन औषधि केंद्र, डॉक्टर दवा को बताते हैं बेअसर
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के स्टाफ ने बताया कि गर्मी और उमस के कारण अस्पताल की मेडिसिन और स्किन ओपीडी में सबसे ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। जब कोई दवा अस्पताल में नहीं मिलती तो उसे मरीज केंद्र से खरीद लेता है। वह डॉक्टर को दवा दिखाता है तो उसे लौटा दिया जाता है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सिविल अस्पताल के ओपीडी ब्लॉक स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की दवा को बेअसर बताकर डॉक्टर लौटा देते हैं। पर्चे पर चुनिदा कंपनियों के ब्रांड नेम वाली दवा लिखते हैं। जन औषधि केंद्र की केंद्रीय टीम ने मरीजों के दवा पर्चे चेक किए, इसके बाद सिविल सर्जन के समक्ष आपत्ति दर्ज की थी। सिविल सर्जन ने सभी चिकित्सकों को जेनेरिक नाम लिखने के आदेश दिए, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के स्टाफ ने बताया कि गर्मी और उमस के कारण अस्पताल की मेडिसिन और स्किन ओपीडी में सबसे ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। जब कोई दवा अस्पताल में नहीं मिलती तो उसे मरीज केंद्र से खरीद लेता है। वह डॉक्टर को दवा दिखाता है तो उसे लौटा दिया जाता है। मरीज-तीमारदार पर दबाव बनाया जाता है कि जो पर्चे पर लिखी है, उसी दवा का सेवन करोगे, तभी आराम मिलेगा। मजबूरन मरीज दवा को लौटाकर, जीटी रोड पर मेडिकल से ब्रांड नेम वाली दवा खरीदने के लिए विवश हैं। कुछ अन्य ओपीडी में भी यही स्थिति है। मरीज के पर्चे पर दवा का साल्ट भी नहीं लिखा जा रहा है। स्टाफ के मुताबिक यह खेल पहले से चल रहा है।
गत माह प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की सेंट्रल टीम निरीक्षण के लिए अस्पताल पहुंची थी। मरीजों के पर्चे चेक किए तो साल्ट नाम नहीं लिखा था।
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यह मामला संज्ञान में आया था। डॉक्टर्स को आदेश भी दिया था कि दवा का जेनरिक नाम लिखें। इसके बाद भी ऐसा हो रहा है तो गलत है। इस संबंध में एमएस से बात की जाएगी। मरीजों के पर्चे चेक किए जाएंगे। आदेश की पालना नहीं करने वाले चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. जितेंद्र कादियान, सिविल सर्जन
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ओपीडी स्लिप पर दवा का जेनरिक नाम और साल्ट लिखना सरकार का आदेश है। इस संबंध में सिविल सर्जन और एमएस पहले के ऑर्डर जारी कर चुके हैं। चिकित्सकों से इस संबंध में बात की जाएगी।
डॉ. अमित पोरिया, डिप्टी एमएस
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प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से गत सप्ताह ऐसी शिकायत मिली थी। सिविल सर्जन ने इस संबंध में चिकित्सकों को आदेश भी जारी किए थे। पर्चे पर दवा के साल्ट का नाम लिखना जरूरी है, ताकि मरीज किसी भी दुकान से उसे खरीद सके।
विजय राजे, जिला ड्रग कंट्रोलर, पानीपत।