चिकन के शौकिनों को करने होगी जेब ढीली, दामों में उछाल
चिकन के शौकिनों को थोड़ी जेब ढ़ीली करनी होगी। चिकन के दामों में तेजी से उछाल आया है। लॉकडाउन में 80 रुपये में मिलने वाला चिकन 250 रुपये में बिक रहा है।
पानीपत/अंबाला, जेएनएन। चिकन के शौकिनों की अब जेब ढीली होगी। क्योंकि इनके दामों में तीन गुणा उछाल आ गया है। जो चिकन लॉकडाउन के दौरान महज 80 रुपये किलो में बिक रहा था वह अब 250 रुपये किलो बिक रहा है। इसकी वजह है बाजार में डिमांड के मुताबिक सप्लाई का नहीं होना। अब जिनके पास माल है वह मनमाने भाव पर बेच रहे हैं।
लॉकडाउन के पहले मांग कम होने के कारण चिकन के दाम काफी कम हो गए थे। जिसके बाद किसानों ने मुर्गी पालना बंद कर दिया था। इसकी वजह से अब चिकन की कमी हो गई है। देश में कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में अफवाह फैल गई थी कि चाइना से जानवरों के कारण कोरोना महामारी फैली है।
मुफ्त में बांटी थी मुर्गियां
फार्मर को पोल्ट्रीफार्म में नुकसान होने पर उन्होंने ब्रेलर (मुर्गे) को आगे नहीं बढ़ाया। जो थे उन्हें लोगों को सस्ते दामों पर बेच दिया। कई जगह पर तो ब्रेलर को दाना न दे पाने के कारण मारना पड़ा था। कई जगह पर पोल्ट्रीफार्म संचालकों ने लोगों को फ्री में मुर्गियां बांटी थी।
बाहर से मंगवाना पड़ रहा चिकन
पोल्ट्री फार्म संचालकों ने मंदी होने के कारण आगे चिक नहीं डाले। इस कारण ब्रेलर तैयार नहीं हो पाए। अब चिकन बाहर से मंगवाना पड़ रहा है। ऐसे में जिसके पास था वह मनमाने दामों पर बेच रहे हैं। मोहड़ा में पोल्ट्रीफार्म चलाने वाले गौरव ने बताया कि डिमांड के मुताबिक मांग पूरी नहीं हो पा रही है। इस कारण बाहर से मंगवाना पड़ रहा है और दामों में उछाल आ गया है।
मुर्गियों का दाना हो गया था महंगा
लॉकडाउन के दौरान फीड 32 रुपये किलो हो गई थी, जबकि इससे पहले 17 रुपये में मिलती थी। इसी तरह मक्का के रेट भी 22 रुपये प्रति किलो हो गए थे, जो इस समय 14 रुपये तक आ गया है। मुर्गियों की फीड महंगी हो रही थी, जबकि लॉकडाउन के दौरान चिकन की डिमांड नहीं रही थी।