Move to Jagran APP

छठ पूजा पर हरियाणा के इन 7 शहरों में दिखेगा खास नजारा, 50 से ज्‍यादा घाटों में जुटेंगे लाखों श्रद्धालु

Chhath puja 2022 कोरोना महामारी के बाद इस बार छठ पर्व को बड़े स्‍तर पर मनाने की तैयारी की जा रही है। दो साल बाद छठ पर्व पर हरियाणा के घाटों को सजाया जाएगा। साथ ही पूजा के लिए पानी लाइट व अन्य व्यवस्थाओं का इंतजाम किया जा रहा है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 15 Oct 2022 06:01 PM (IST)Updated: Sat, 15 Oct 2022 06:01 PM (IST)
छठ पूजा पर हरियाणा के इन 7 शहरों में दिखेगा खास नजारा, 50 से ज्‍यादा घाटों में जुटेंगे लाखों श्रद्धालु
हरियाणा के शहरों में छठ महापर्व की तैयारी।

पानीपत, [आनलाइन डेस्‍क]। आस्‍था के महापर्व छठ का समय नजदीक आ गया है। 28 अक्‍टूबर से नहाय खाय के साथ महापर्व शुरू हो जाएगा। बिहार की तरह हरियाणा में भी आस्‍था के महापर्व छठ की तैयारी जोरों से शुरू हो गई है। छठ पर्व के लिए समितियों, पुलिस प्रशासन ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। हरियाणा के सात शहरों के घाटों को सजाया जाने लगा है। यमुना नदी और नहर के किनारे जगहों को चिन्‍हित किया जा रहा है।

loksabha election banner

कोरोना महामारी की वजह से दो साल बाद दिल्‍ली से सटे जीटी बेल्‍ट के पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, जींद, कैथल, अंबाला और यमुनानगर में छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। लाखों श्रद्धालु इन शहरों में बने 50 से ज्‍यादा घाटों में महापर्व मनाएंगे।

पानीपत में करीब डेढ़ लाख लोग मनाते छठ महापर्व

पानीपत में करीब डेढ़ लाख पूर्वांंचल के लोग इस पूजा में शामिल होते हैं। छठ पूजा की तैयारियां शुरू हो गई। पानीपत में बाबरपुर ड्रेन नंबर दो, एनएफएल रजबाहा गोहाना-रोहतक रोड, असंध रोड थर्मल रजबाहा, ड्रेन नंबर दो भैंसवाल के पास, सैनी कालोनी में महापर्व मनाया जाएगा।

प्रशासन और विधायक को लिखा पत्र

पूर्वांचल समन्वय परिवार को चंदन चौहान ने बताया कि प्रशासन, नहरी विभाग, नगर निगम को परमिशन के लिए लिखा गया है। प्रशासन साफ सफाई, लाइटनिंग, सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था करवाता है। बाबरपुर ड्रेन नंबर दो में जनहित प्रवासी संस्था छठ पूजा का आयोजन करती है। सैनी कालोनी में छठ सेवा समिति, असंध रोड थर्मल रजबाहा पर रामराज संस्था ट्रस्ट आयोजन करती है। एनएफएल गोहना-रोहतक रोड रजबाहा पर पूर्वांचल समन्वय परिवार छठ पूजा का आयोजन करता है। बाबरपुर ड्रेन नंबर दो को पक्का किया जाने का आश्वासन विधायक महीपाल ढांडा ने दिया था लेकिन पक्का नहीं हुआ। एनएफएल रजबाहा घाट का विस्तार होना है। थर्मल रजबाहा असंध रोड को भी पक्का किया जाना है।

जींद में हांसी ब्रांच नहर में करते पूजा

जींद में हांसी ब्रांच नहर में पूजा करते हैं। नहर में पानी नहीं होने पर पिंडारा तीर्थ में पूजा की जाती है। हालांकि हांसी ब्रांच नहर पर गणेश विसर्जन व छठ पूजा के लिए विशेष घाट बनाने की योजना है।

अंबाला में यहां छठ में जुटते श्रद्धालु

अंबाला के बलदेवनगर निकट में वीरजी की कुटिया के समीप अस्थायी छठ घाट और छावनी के रेलवे कालोनी में नाच घर के अलावा छावनी में महेशनगर टांगरी नदी के बंधे के आसपास छठ मैय्या की पूजा के लिए अस्थायी रूप से कृत्रिम घाट में तैयार किए जाते हैं। इसी तरह अंबाला शहर में घग्गर नदी पर भी छठ मैय्या की पूजा होती है। इसके अलावा अंबाला शहर में अंबाला-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे के नजदीक भी छठ घाट बनाया गया है। व्रती महिला और पुरुष अंबाला में लगभग इन्हीं स्थानों पर ढलते व उगते सूर्य को अर्घ देते हैं। हालांकि अभी तक जिले में किसी भी स्थान पर इसकी तैयारियां शुरू नहीं हुई हैं।

यमुनानगर में डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालु जुटते हैं छठ पूजा के लिए

यमुनानगर में छठ पर्व उत्साह व धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यमुनानगर की प्लाईबोर्ड व जगाधरी की मेटल ईकाईयों में करीब एक लाख से ज्यादा श्रमिक काम करते हैं। ये श्रमिक बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बंगाल समेत अन्य राज्यों से आकर यहां पर लंबे समय से काम करते हैं। श्रमिक परिवारों के साथ यहीं पर रहते हैं। पश्चिमी यमुना नहर के बाडी माजरा पुल, दड़वा घाट, हमीदा हेड, पुराना सहारनपुर रोड पर फतेहपुर पुल के पास, जम्मू कालोनी, पंसारा के पास यमुना नहर पर, रादौर में यमुना नहर के घाट सहित अन्य स्थानों पर छठ पर्व मनाने के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं। व्यवस्था संभालने के लिए प्रशासन को कड़ी मशक्कत करने पड़ती है। पूर्वांचल सभा, पूर्वांचल प्रकोष्ठ सहित अन्य सामाजिक संगठन के पदाधिकारी भी पर्व की तैयारियों में जुटते हैं।

ब्रह्मसरोवर, सन्निहित सरोवर और पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर होगा छठ पर्व का आयोजन

कुरुक्षेत्र में हर वर्ष छठ पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ब्रह्मसरोवर तीर्थ और सन्निहित सरोवर पर मेले का आयोजन किया जाता, जिसमें बड़ी तादाद में श्रद्धालु एक दिन पहले अस्तांचल सूर्यदेव को और अगले दिन उदय होते सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं। छठ पर्व सेवा समिति हरियाणा के अध्यक्ष संतोष पासवान ने बताया कि इस बार भी 30 अक्टूबर को छठ पर्व पर मेले का आयोजन ब्रह्मसरोवर पर किया जाएगा। इसके अलावा सन्निहित सरोवर पर भी श्रद्धालु पूजन करेंगे। वहीं पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर भी छठ पर्व पर छठ मैया और सूर्यदेव की पूजा की जाएगी।

करनाल में यहां बना नया घाट

करनाल में भी छठ महापर्व को लेकर पूर्वांचलवासियों की ओर से हर वर्ष विशेष आयोजन किया जाता है। यहां काछवा पुल के समीप पश्चिमी यमुना नहर के किनारे पर नया घाट बनाया गया है, जिसका उद्घाटन दो वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया था। छठ पर्व सेवा समिति मंडल के प्रयासों से यह संभव हुआ था। समिति की ओर से हर साल गांधी नगर स्थित पश्चिमी यमुना किनारे और काछवा पुल से लेकर कैथल पुल तक दोनों किनारों पर पूरे पर्व के दौरान स्नान सहित अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। समिति के प्रधान सुरेश कुमार यादव ने बताया कि इस साल भी नए घाट पर छठ पूजा से जुड़े कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसके अलावा छठ महापर्व पर घरौंडा क्षेत्र में लालूपुरा गांव और कुंजपुरा क्षेत्र में शेरगढ़ टापू के पास यमुना नदी के किनारे भी छठ के अवसर पर पूर्वांचलवासियों की ओर से धार्मिक-सामाजिक गतिविधियां हाेती हैं।

कैथल में छठ महापर्व को लेकर तैयारियां शुरू, लोगों में उत्साह

चार दिनों के छठ महापर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। नहाय-खाय से इस पर्व की शुरूआत होती है। घरों में छठ व्रत करने वाली माताएंविधि-विधान से नहाय-खाय की रस्म भी निभाती है। इस महापर्व को लेकर शहर में बड़ी देवी मंदिर के पास स्थित तालाब की साफ सफाई शुरू हो गई है। वहीं बाजारों में भी पूजा की सामग्री सहित अन्य सामान से दुकानें सज गईं है। छठ पर्व को लेकर लोगों में भी काफी उत्साह है। बाजारों में खरीदार पहुंच रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.