होली पर रहें सावधान, केमिकल वाले रंग त्वचा रोग लगा सकते हैं, ये उपाय अपनाएं
होली के रंग व गुलाल तैयार करने में लेड मरकरी व ऑर्सेनिक जैसे तमाम हेवी मेटल व रसायन इस्तेमाल किए जाते हैं। इन रंगों से होली खेलने पर त्वचा में एलर्जी-खुजली होने लाल दाने निकलने की संभावना बनी रहती है।
पानीपत, जेएनएन। जब सुरक्षित तरीके से होली मनाएंगे...कोरोना के रंग फीके पड़ जाएंगे। जी हां, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसी स्लोगन के साथ जनमानस के नाम संदेश दिया है। जिला प्रशासन ने होली के सामूहिक आयोजनों पर रोक लगाई हुई है। बात कोरोना संक्रमण से अलग करें तो भी होली हुड़दंग में थोड़ी सी लापरवाही आपकी, किसी अपने की सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।
सेक्टर-25, शहरी स्वास्थ्य केंद्र के सीनियर मेडिकल आफिसर डा. कर्मवीर चोपड़ा ने बताया कि होली के रंग व गुलाल तैयार करने में लेड, मरकरी व ऑर्सेनिक जैसे तमाम हेवी मेटल व रसायन इस्तेमाल किए जाते हैं। इनसे होली खेलने पर त्वचा में एलर्जी-खुजली होने, लाल दाने निकलने की संभावना बनी रहती है। महिलाओं-बच्चों की त्वचा अधिक मुलायम होने के कारण इन्हें ज्यादा नुकसान पहुंचता है। बालों में रूखापन हो सकता है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. केतन भारद्वाज ने बताया कि केमिकल युक्त रंग आंखों में गिर जाए तो संक्रमण हो जाता है। पुतली व पलकों में जख्म होने से कष्ट बढ़ सकता है। अच्छी क्वालिटी का गुलाल इस्तेमाल करें, चेहरे पर ऐसे लगाएं कि आखों में न गिरे।
दमा के रोगियों के लिए भी मुसीबत
सिविल अस्पताल के फिजिशियन कंसल्टेंट डा. जितेंद्र त्यागी की मानें तो दमा के रोगियों के लिए भी केमिकल युक्त रंग व गुलाल किसी मुसीबत से कम नहीं हैं। श्वास लेने में तकलीफ बढ़ जाती है। इनहेलर का अधिक इस्तेमाल करना पड़ सकता है।
दिक्कत होने पर करें उपाय
- आंखों में जलन हो तो स्वच्छ पानी से बार-बार धोएं।
- आंखों में गुलाब जल भी डाला जा सकता है।
- त्वचा में जलन-खुजली होने पर नारियल तेल लगाएं।
- होली खेलने से पहले त्वचा पर बॉडी लोशन-ग्लिसरीन लगाएं।
- होली खेलने से पहले बालों में नारियल-सरसों का तेल लगाएं।
- आंखों पर चश्मा पहनकर ही होली खेलें।
- परेशानी होने पर तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श लें।
- प्राकृतिक रंगों से होली खेलें, केमिकल रंगों से बचें।
- होली खेलते समय शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनें।
पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें