एनओसी में फर्जीवाड़ा
जागरण संवाददाता, पानीपत : एक विभाग और एक ही मसले में अलग-अलग फैसले। वो भी एक ही दिन की
जागरण संवाददाता, पानीपत :
एक विभाग और एक ही मसले में अलग-अलग फैसले। वो भी एक ही दिन की तारीख के। नगर निगम और पीडब्ल्यूडी में फर्जीवाड़े का दावा करते हुए पूर्व पार्षद जोगिंद्र स्वामी ने आरोपी अफसरों पर केस दर्ज करने की मांग की है। यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत हासिल किए कागजों के आधार पर आरोप जड़े।
गोहाना रोड स्थित गर्ग टावर में जोगिंद्र स्वामी ने कहा कि निगम आयुक्त कार्यालय ने पीडब्ल्यूडी से प्राप्त पत्र के आधार पर मॉडल टाउन में नहर से लगती भूमि पर निर्माण कार्य चलने दिया। फर्जी एनओसी में लिखा है शांति नगर में घर व दुकान बनाने पर कोई आपत्ति नहीं है। नियमों के तहत निर्माण कार्य संभव है। जबकि पीडब्ल्यूडी के एक पत्र के मुताबिक यहां पर निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता।
सबसे खास बात यह है कि आपत्ति और अनापत्ति पत्रों पर दोनों पर एक ही पत्र संख्या व एक ही तिथि है। इससे ज्यादा और क्या फर्जीवाड़ा हो सकता है। इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
लोकायुक्त में चल रहा केस
जोगिंद्र स्वामी ने कहा कि पानीपत में ऐसे कई मामले हैं, जिसमें अनियमितता उजागर हुई है। सालारजंग गेट के पास डिवाइन अस्पताल को सील करने के कुछ समय बाद खोला गया। मॉडल टाउन में 85-आर बिल्डिंग निगम प्रशासन की तरफ से कई बार सील किया व खोला गया। लोकायुक्त में यह मामला चल रहा है। तहसील कैप में निगम आयुक्त ने खसरा नंबर 3887/2 सरकारी जमीन पर नक्शा पास करवा कर कब्जा दिला दिया। तत्कालीन उपायुक्त समीरपाल सरो ने इसकी फाइल वापस कर दी थी। रोहतक मंडलायुक्त ने इस जगह को सरकारी माना है।
प्रशासन सख्त तो गिर सकती है गाज
एनओसी लेटर, वेरीफिकेशन के लिए पीडब्ल्यूडी से नगर निगम को पत्र भेजा गया। आशंका जताई गई कि ये फर्जी तरीके से तैयार की गई है। प्रशासन सख्त हुआ तो इस मामले में निगम के अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। बताया जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी की तरफ से उपायुक्त के संज्ञान में यह बात लाया गया है। आरोप सही मिला तो मामला दर्ज होगा।
--
नगर निगम के एसई एनडी वशिष्ठ ने बताया कि निगम ने कोई भी एनओसी जारी नहीं की। कार्यालय में नक्शा पुटअप होने पर वह उस साइट का मुआयना करने गए। पत्र भवन व सड़क निर्माण विभाग को वेरीफाइ करने के लिए भेजा गया था। निगम के एक्सईएन रामदास व बिल्डिंग इंस्पेक्टर दलबीर को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। विभाग की तरफ से एक पत्र भी जारी किया गया है कि जितने भी एनओसी किए गए, उसका वेरीफिकेशन पीडब्ल्यूडी करेगा।
एनओसी न देने को लेकर निगम को पत्र भेजा था। निगम कार्यालय में क्या हुआ, इसका पता नहीं है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग इस पर सख्ती बरते तो कार्रवाई हो सकती है।
प्रदीप अत्री, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी
--
इस मामले की जांच कराई जाएगी। जिस अधिकारी की संलिप्तता मिली, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
डॉ. चंद्रशेखर खरे, उपायुक्त पानीपत