जनता के दिलों पर राज करते थे नेता
गांव नूरपुर मुगलान (बापौली खंड) ने बताया कि 60 वषरें से मतदान करता आ रहा हूं। 21 अक्टूबर को चुनाव में फिर वोट डालूंगा। लोकसभा विधानसभा जिला परिषद और ग्राम पंचायत कोई भी चुनाव हो एक बार भी मतदान से नहीं चूका।
गांव नूरपुर मुगलान (बापौली खंड) ने बताया कि 60 वषरें से मतदान करता आ रहा हूं। 21 अक्टूबर को चुनाव में फिर वोट डालूंगा। लोकसभा, विधानसभा, जिला परिषद और ग्राम पंचायत, कोई भी चुनाव हो, एक बार भी मतदान से नहीं चूका। बहुत सी सरकारें बनते बिगड़ते देखी हैं। छोटे कार्यकर्ता को बड़ा लीडर बनते देखा है। राजनीति में जिनकी तूती बोलती थी, उन्हें धराशायी होते भी देखा। पहले जनता के दिलों में नेता राज करते थे। मसीहा की तरह सम्मान मिलता था। छोटे से कार्यकर्ता को भी भीड़ में पहचान कर, नाम लेकर पुकारते थे। किसी ने काम कहा तो याद रखते थे। परिवार की राजी-खुशी पूछते थे। अब चुनाव के समय ही नेता दिखता है। उनके ऑफिस पर मिलने जाओ तो आसपास मंडराते लोग आसानी से मिलने नहीं देते। चुनावी रंजिश मारकाट में बदलने लगी है। यही कारण है कि अब चुनावी हो-हल्ला तो खूब होता है लेकिन मंगल गीत नहीं गाए जाते। राजनीति के बदलते रंग में मतदाताओं की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। मतदान से चूके नहीं, वोट का सौदा न करें। जाति-धर्म-दल से ऊपर उठकर ऐसे प्रत्याशी को चुनकर भेजें जो युवाओं के रोजगार और क्षेत्र के विकास पर फोकस रखे। किसानों का ख्याल रखे। अच्छे लोग विधानसभा में पहुंचेंगे तो प्रदेश तरक्की की राह पर चलेगा।
(जैसा कि उन्होंने बापौली के दैनिक जागरण प्रतिनिधि बलराज को बताया)