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चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने की सीसीआइ संचालक के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश

बाल देखरेख केंद्र (सीसीआइ) में साढ़े सात साल की मानसिक दिव्यांग बच्ची को अकेला छोड़ने के मामले में राज्य बाल आयोग चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने संज्ञान लिया। उन्होंने राज्य बाल आयोग सदस्य डा. प्रतिभा सिंह कंसलटेंट पूजा पांडेय संग संबंधित अधिकारियों की वीरवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में मीटिग की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 07:44 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 07:44 AM (IST)
चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने की सीसीआइ संचालक के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश
चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने की सीसीआइ संचालक के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश

जागरण संवाददाता, पानीपत : सिद्धार्थ नगर स्थित बाल देखरेख केंद्र (सीसीआइ) में साढ़े सात साल की मानसिक दिव्यांग बच्ची को अकेला छोड़ने के मामले में राज्य बाल आयोग चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने संज्ञान लिया। उन्होंने राज्य बाल आयोग सदस्य डा. प्रतिभा सिंह, कंसलटेंट पूजा पांडेय संग संबंधित अधिकारियों की वीरवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में मीटिग की। फिर मौका मुआयना कर पड़ोसियों से बातचीत के बाद केंद्र संचालक के खिलाफ जेजे एक्ट के तहत केस दर्ज करने की सिफारिश की।

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चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने डीसीपीओ, सीडब्ल्यूसी और पुलिस विभाग से बच्ची के केंद्र में रहने की समयावधि, स्टाफ की लिस्ट और केंद्र की ग्रांट बारे जवाब मांगा है। वहीं केंद्र का मुआयना करने पहुंची चेयरपर्सन को पड़ोसियों ने बताया कि नाबालिग बच्ची की देखभाल सही ढ़ंग से नहीं हो रही थी। संचालक तेजराम शर्मा द्वारा सही ढ़ंग से स्टाफ की नियुक्ति नहीं किए जाने से बच्ची को समय पर खाना नहीं मिल रहा था। कोविड पॉजिटिव मिलने पर भी बच्ची को आइसोलेशन के नाम पर अकेला छोड़ दिया गया। यह था पूरा मामला

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की सदस्य मालती अरोड़ा को सूचना मिली थी कि सिद्धार्थ नगर स्थित सीसीआइ में एक बच्ची बंद है। वह चीख रही है। उसकी देखरेख के लिए कोई नहीं है। भोजन भी पड़ोसी खिला रहे हैं। मालती अपने साथ चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम और पुलिस के साथ मौके पर पहुंची। टीम ने बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया। ये लोग रहे उपस्थित

चेयरपर्सन ज्योति बैंदा की मीटिग में सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन पदमा रानी, मुकेश आर्य, मीना कुमारी, अशोक कुमार, शिव कुमार, डीसीपीओ कार्यालय से निधि गुप्ता और अंजू मौजूद रही। टीम ने बच्ची को असहज देख मामले की शिकायत करने की सराहना की। अपने नंबर आदान-प्रदान कर भविष्य में भी नेक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया।


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