पानीपत के तीन टेक्सटाइल उद्योग को बंद करने के आदेश, सामने आई ये बड़ी वजह Panipat News
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिए तीन टेक्सटाइल उद्योगों को बंद करने के आदेश दिए हैं। इनमें से एक कंबल उद्योग भी शामिल है।
पानीपत, जेएनएन। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पानीपत के तीन टेक्सटाइल उद्योगों को बंद करने के आदेश दिए हैं। इन उद्योगों में एक कंबल उद्योग भी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्टाइन एन कलर सेक्टर 29, आ स्पीनर्ज इ-33 ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया, निखिल ब्लैंकिटस इंडस्ट्री के लिए आदेश जारी किए हैं।
सेक्टर 29 पार्ट दो प्लाट नंबर 285 में स्थित उद्योग का केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने दो अप्रैल को निरीक्षण किया था। सीपीसीबी टीम ने निरीक्षण के दौरान उद्योग बंद मिला। उद्योग रंगाई का गंदा पानी सीधे डिस्चार्ज कर रहा था। जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से भूजल में जा रहा था। उद्योग में ऑनलाइन मॉनिटरिंग डिवाइस भी नहीं लगी थी। बोर्ड की टीम ने बोर्ड के पैरामीटर पूरे न करने तक उद्योग को बंद रखने के निर्देश राज्य प्रदूषण बोर्ड को दिए।
आ स्पीनर्ज ई-33 इंडस्ट्रियल एरिया
इस स्पीनिंग मिल का 28 मार्च को निरीक्षण किया गया था। इस उद्योगों में रंगाई का पानी का सैंपल फेल हो गया था। सीओडी 290 एमजीएल मिली जबकि 250 होना चाहिए था। बीओडी 113 एमजीएल मिली। जबकि बीओडी 30 एमजीएल होनी चाहिए थी। फर्म ने भूजल के लिए केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूए) को भी लाइसेंस के लिए आवेदन तक नहीं किया। भूजल प्रयोग का रिकार्ड भी नहीं मिला। उद्योग में निकली वाली एस (राख) भी गेट के साथ डाली गई थी।
निखिल कंबल उद्योग सेक्टर 29 पार्ट दो
सेक्टर 29 पार्ट दो प्लाट नंबर 460-61 स्थित उद्योग में 28 मार्च को निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उद्योग चलता नहीं मिला। जिस पर बोर्ड ने इस उद्योग को तब तक न चलाने के निर्देश दिए जब तक उद्योग में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रदूषण नियंत्रण संबंधी पैरामीटर पूरे न हो जाए।
अब तक 55 से अधिक उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब तक 55 से अधिक उद्योगों को खिलाफ प्रदूषण फैलाने पर कार्रवाई कर चुका है। इनमें से ज्यादातर को क्लोजर नोटिस दिए गए हैं।
इन उद्योगों के खिलाफ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्रवाई की है। उद्योगों को क्लोजर नोटिस दिए जा चुके हैं। निरीक्षण के दौरान इनमें से लिए गए सैंपल फेल मिले हैं।
-भूपेंद्र चहल, क्षेत्रीय अधिकारी पानीपत