Move to Jagran APP

2005 पेड़ काट बनाना था 33 फुटी सड़क, केंद्रीय जांच कमेटी ने बताया गैर जरूरी Panipat News

केंद्र सरकार के जांच अधिकारी ने पेड़ काटने की अनुमति न देने की सिफारिश की। सीएम की घोषणा में पीडब्ल्यूडी की पेड़ काटकर सड़क चौड़ी बनाने की बनाई थी स्कीम।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 11:25 AM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2019 11:25 AM (IST)
2005 पेड़ काट बनाना था 33 फुटी सड़क, केंद्रीय जांच कमेटी ने बताया गैर जरूरी Panipat News
2005 पेड़ काट बनाना था 33 फुटी सड़क, केंद्रीय जांच कमेटी ने बताया गैर जरूरी Panipat News

पानीपत, जेएनएन। पीडब्ल्यूडी सीएम की घोषणा में ड्रेन नंबर-2 (बाबरपुर नाला) पर 2005 पेड़ काटकर जीटी रोड से बरसत रोड पुल तक नई सड़क बनाने की तैयारी में था। इसका प्रस्ताव निदेशालय को भेज दिया था। आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर की शिकायत पर केंद्रीय जांच कमेटी ने सड़क बनाने के इस प्रस्ताव को गैरजरूरी बताते हुए पेड़ों को काटने की स्वीकृति न देने की सिफारिश की है। लोगों को सुहाने सपने दिखाकर अधिकारियों की मनमर्जी के प्रोजेक्ट में 2005 पेड़ बलि चढऩे से बच गए।

loksabha election banner

आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर ने 10 अगस्त को केंद्रीय मंत्री पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को शिकायत भेजी थी। आरोप लगाया था कि सीएम घोषणा के तहत पीडब्ल्यूडी पानीपत के अधिकारी ड्रेन नंबर-2 के किनारे (जीटी रोड से बरसत रोड पुल तक) लगे हजारों पेड़ों को काटने जा रहा है। यहां 33 फीट चौड़ी सड़क बनाना चाहता है, जबकि इस प्रस्तावित सड़क के साथ 100 फीट चौड़ी सड़क पहले से ही है। उन्होंने इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की थी। कपूर ने लोगों को जागरूक करने और अधिकारियों की आंखें खोलने के लिए हजारों इश्तहार भी बांटे। आरटीआइ से सूचनाएं भी मांगी। सीएम की जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान 23 अगस्त को समालखा में पर्चे बांटते वक्त कपूर को समालखा पुलिस ने तीन घंटे तक पुलिस हिरासत में भी रखा।

केंद्रीय अधिकारियों के नेतृत्व वाली कमेटी ने की थी जांच

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के महानिदेशक ने कपूर की शिकायत के आधार पर क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ से मौके की जांच रिपोर्ट तलब की। बीते 27 नवंबर को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के टेक्निकल ऑफिसर रविंद्र सिंह ने मौके पर पहुंचकर जांच की। वन विभाग की डीएफओ निवेदिता, पीडब्ल्यूडी के एसडीओ एसपी सिंगला, सिंचाई विभाग के जेई रीश कुमार और शिकायतकर्ता पीपी कपूर जांच के दौरान मौके पर ही मौजूद रहे। मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ के डीआइजी (फॉरेस्ट) एसडी शर्मा ने 11 दिसंबर को रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.