टैक्स चोरों के लिए बाहर आया नोटबंदी का जिन्न, विभाग यूं जुटा रहा डाटा
नोटबंदी के दौरान नकदी जमा कराने वालों ने अगर आयकर विवरणी (आइटीआर) नहीं भरा है तो उन पर कार्रवाई होगी। विभाग ऐसे लोगों का डाटा जुटा रहा है। तीन लाख लोगों को नोटिस जारी किया था।
पानीपत [महावीर गोयल]। नोटबंदी का जिन्न एक बार फिर लोगों को सताएगा। इस दौरान बैंकों में नकदी जमा कराने वाले जिन लोगों ने आयकर विवरणी (आइटीआर) नहीं भरी है, उन पर गाज गिरना तय है। विभिन्न माध्यमों से विभाग ने उनका डाटा तैयार किया है।
नोटबंदी में जिन लोगों ने नकदी तो बैंकों में जमा कराई, लेकिन आयकर विवरणी नहीं भरी और जिन्होंने आयकर विवरणी भरी और बैंक की ट्रांजेक्शन को नहीं दर्शाया। अब रिटर्न दाखिल न करने वालों की अब विशेष जांच होगी। उनके 2017-18 के केस स्क्रूटनी में लगेंगे।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने दिए निर्देश
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने ये निर्देश सभी आयकर विभाग के सभी मुख्य आयुक्तों का जारी किए हैं। 2017-18 में नोटबंदी के दौरान पुराने नोट बैंकों में जमा किए गए थे। इन नोटों के स्त्रोतों की जानकारी लेने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तीन लाख लोगों को रिटर्न भरने के नोटिस आयकर अधिनियम 1961 की धारा 142(1) के तहत दिए गए थे।
पानीपत में 87 हजार लोग दायरे में
इनमें से पानीपत सहित पूरे देश में 87000 लोगों ने आयकर विवरणी दाखिल नहीं की। सभी के विशेष जांच (स्क्रूटनी) की जाएगी। आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार विभाग को रिटर्न दाखिल न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिखित निर्देश तो मिल चुके हैं। अभी यह डाटा आना बाकी है कि पानीपत में किन लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं की है।
लोकसभा चुनाव में कालेधन पर विशेष नजर
आयकर विभाग लोकसभा चुनाव में कालेधन के प्रयोग पर विशेष नजर रखेगा। इसके लिए अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। संभावित प्रत्याशियों पर आयकर विभाग की नजरें हैं। अलग-अलग लोकसभा क्षेत्र के लिए अधिकारियों का चयन किया गया है। जिन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं आयकर विभाग की संयुक्त आयुक्त अनीता मीना को सोनीपत का भी अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।