GST and C Farm scam में उद्यमियों के बाद पहली बार Haryana के अधिकारी फंसे, दर्ज होगा केस Panipat News
पानीपत में 153 करोड़ के सी फार्म घोटाले में पहली बार ईटीओ व इंस्पेक्टर पर केस दर्ज होगा। मुख्यमंत्री कार्यालय ने जांच रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।
पानीपत, जेएनएन। जीएसटी और सी फार्म घोटाले में अब तक उद्यमी ही कानून के शिकंजे में आते रहे, प्रदेश में पहली बार अफसरों पर केस दर्ज होने जा रहा है। आबकारी कराधान विभाग में 153.38 करोड़ के सी फार्म घोटाले में तत्कालीन आबकारी एवं कराधान अधिकारी (ईटीओ) देविक शर्मा, इंस्पेक्टर इंद्रावती और रिकॉर्ड में दर्शाए मालिक गोविंद शर्मा पर केस दर्ज होगा।
उप आबकारी कराधान अधिकारी ने थाना चांदनी बाग को मुकदमा दर्ज करने की लिखित शिकायत दे दी है। थाना प्रभारी ने परामर्श के लिए एसपी कार्यालय को लिखा है। मुख्यमंत्री कार्यालय की जांच के आधार पर कार्रवाई हुई है।
ये था घोटाला
गुरुग्राम की विपिन इंटरप्राइजेज पर सी फार्म चोरी में मुकदमा दर्ज किया था। दिल्ली की फर्जी फर्म पारस इंटरप्राइजिज के नाम से फार्म दिए गए। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराते वक्त दिया गया मोबाइल नंबर गोविंद शर्मा का मिला। इसी नंबर से 41 और फर्म वैट एक्ट में ऑनलाइन रजिस्टर्ड कराई थी। इससे जुड़ी फार्मों ने रिटर्न नहीं भरा और 30.6 करोड़ की चपत लगाई। पूरे मामले में ईटीओ देविक शर्मा और इंस्पेक्टर इंद्रावती का हाथ भी सामने आया। इन्होंने पकड़े जाने के डर से 153.38 करोड़ के सी फार्म रद कर दिए, जबकि डीलर ने कोई टैक्स नहीं जमा कराया।
इनके खिलाफ दिए थे केस के आदेश
ईटीओ देविक शर्मा, इंस्पेक्टर इंद्रावती और रिकॉर्ड में दर्शाए मालिक गोविंद्र शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे।
फर्मों पर भी कार्रवाई तय
जीएसटी और सी फार्म घोटाले में आरोपित अधिकारियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। निलंबन के बाद अब चांदनी बाग थाने में केस दर्ज होने की तलवार लटक गई है। उधर, फर्मों पर भी कार्रवाई होनी तय है।
विजिलेंस जांच भी चल रही
पारस इंटरप्राइजिज ने 2016-17 में प्रदेश से 18.89 करोड़ और राज्य से बाहर की 3.45 करोड़ रुपये की खरीद घोषित की। उन्होंने आगे 18.56 करोड़ की बिक्री दिखाई। पारस इंटरप्राइजिज ने 2017-18 में पहले तिमाही की रिटर्न में 9.67 करोड़ खरीद राज्य और 49.65 करोड़ दूसरे प्रदेशों से खरीद करना दिखाई। कुल बिक्री 9.69 करोड़ दिखाई। इससे जुड़ी फार्मों ने इनपुट क्रेडिट टैक्स (आइटीसी) का क्लेम करते समय पाया कि उन्होंने रिटर्न नहीं भरी। इसके आधार पर 17.33 करोड़ का आइटीसी क्लेम ले भी लिया। इसकी विजिलेंस जांच भी चल रही है।
जांच के साथ खुलते गए नए व पुराने मामले
ईटीसी कार्यालय की जीएसटी की जांच के बाद 4 अक्टूबर 2018 को जांच रिपोर्ट पेश की। जिसमें सामने आया कि पारस इंटरप्राइजिज ने फर्जी तरीके से फर्म रजिस्ट्रेशन कराई। ईटीओ देविक शर्मा और इंस्पेक्टर इंद्रावती रजिस्टर्ड करने में हाथ स्पष्ट हुआ। विभाग ने पारस इंटरप्राइजिज के खिलाफ पानीपत के थाना चांदनी बाग में मुकदमा दर्ज करा दिया था। ईटीओ देविका शर्मा और इंस्पेक्टर इंद्रावती की विभागीय जांच चल रही थी। जांच में सामने आया कि ईटीओ देविक शर्मा ने पकड़े जाने के डर से 153.38 करोड़ के सी फार्म रद कर दिए। जबकि डीलर ने कोई टैक्स नहीं जमा कराया।
भ्रष्ट अधिकारियों से होगी वसूली
हरियाणा व्यापार मंडल के चेयरमैन रोशनलाल गुप्ता ने कहा कि सीएम मनोहर लाल का देर से लिया गया सही निर्णय है। छह-सात माह से पत्र व्यवहार कर सेल्स टैक्स विभाग के एसीएस से पानीपत के भ्रष्ट ईटीओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। फाइल पेंडिंग के बहाने उन्हें इतना समय मिल गया। कार्रवाई की मांग को लेकर तत्कालीन पीएसी के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता से भी मिले थे। भ्रष्ट अधिकारियों के वेतन से घोटाले की राशि काटी जाए।
उप आबकारी कराधान आयुक्त विभाग से धोखाधड़ी के मामले में दो अधिकारियों समेत तीन के खिलाफ शिकायत मिली है। इसको अप्रूवल के लिए एसपी कार्यालय में भेजा गया है। उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी।
सज्जन सिंह, प्रभारी, थाना चांदनी बाग, पानीपत।
विभाग के उच्चाधिकारियों ने सी फार्म घोटाले की जांच की है। उनके आदेशों के आधार पर ईटीओ देविक शर्मा, इंस्पेक्टर इंद्रावती और रिकॉर्ड में दर्शाए मालिक गोविंद शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए थाना चांदनी बाग पुलिस को लिखा है।
राजाराम नैन, उप आबकारी कराधान आयुक्त, पानीपत।