हरीश शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने पर एसपी पर भी केस दर्ज, लाठीचार्ज की जांच भी खिरवार को सौंपी
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जागरण संवाददाता, पानीपत : पूर्व पार्षद हरीश शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एसपी मनीषा चौधरी पर भी धारा 306 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। माडल टाउन थाने में दर्ज हुई एफआइआर में एसपी के अलावा एसआइ बलजीत सिंह, ईएसआइ महावीर सिंह का नाम है। एक दिन पहले जिन दो पत्रकारों के नाम बताए जा रहे थे, उन्हें हटा दिया गया है। वहीं, जीटी रोड पर धरना दे रहे लोगों पर पुलिस ने जो लाठीचार्ज किया, उस मामले की जांच भी एडीजीपी संदीप खिरवार को सौंप दी गई है। जीटी रोड जाम करने के आरोप में पुलिस ने मामला दर्ज किया है। हालांकि इसमें किसी का नाम नहीं है और न ही संख्या बताई गई है। इस बीच, दिन में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला तहसील कैंप में स्व.हरीश शर्मा के घर पहुंचे। स्वजनों को सांत्वना देते हुए प्रदेश सरकार को घेरा। इससे पहले सुबह 10 बजे लघु सचिवालय के पास शिवपुरी में हरीश शर्मा के शव का संस्कार किया गया। हजारों लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। घर के बाहर विधायक प्रमोद विज ने पहला कंधा दिया।
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एसपी मनीषा चौधरी, तत्कालीन तहसील कैंप चौकी प्रभारी बलजीत सिंह, ईएसआइ महाबीर सिंह के मामला पांच दिन बाद थाना माडल टाउन में दर्ज किया गया है। इसका आधार अंजली द्वारा 19 नवंबर की रात नौ बजे स्काई लार्क में एसआइटी (स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम) को दी गई सात पन्नों का शिकायत पत्र बना है। मामला 23 नवंबर की अलसुबह 3:27 बजे दर्ज किया गया।
शिकायत में अंजली ने कहा है कि 14 नवंबर को दीवाली की शाम सात बजे तहसील कैंप चौकी प्रभारी एसआइ बलजीत सिंह और ईएसआइ महाबीर फतेहपुरी चौक पर मास्टर की दुकान के बाहर पहुंचे। वहां पर चारपाई पर पटाखे बिक रहे थे। अन्य कई जगह भी पटाखे बेचे जा रहे थे। पिता हरीश शर्मा मौके पर पहुंचे और पटाखे बेचने वालों को डांटने लगे। शराब के नशे में बलजीत ने साजिश के तहत पिता के साथ धक्कामुक्की की और घर में घुसकर वीडियो बनाने लगे। वहां पर कई महिलाएं थी। बलजीत ने उनके साथ भी बहस की और धक्का दिया। धमकी दी कि दो दिन में दिखा दूंगा कि उसकी ऊपर तक कितनी सेटिग है। मौके पर पहुंचे थाना शहर के एसएचओ योगेश कटारिया को भी दुकानदारों ने बताया कि वे बलजीत सिंह से परेशान हैं। चौकी में शिकायत भी दी, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई।
बलजीत व महाबीर चौकी में थे। उनकी वर्दी भी सही सलामत थी। अगले ही दिन उनके व पिता हरीश के खिलाफ 11 धाराओं के तहत मामला दर्ज कर दिया गया। ये सभी एसपी मनीषा चौधरी के दबाव में किया गया। उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया कि जैसे वे कोई आतंकवादी हों। एसपी, बलजीत व महाबीर का लगातार उन पर दबाव था। 14 से 18 नवंबर तक घर को पुलिस की गाड़ियां घेरे रहती थी। मानसिक रूप से परेशान पिता हरीश ने 19 नवंबर की सुबह 9 बजे बिझौल नहर में छलांग लगाकर जान दे दी। पिता के दोस्त राजेश शर्मा ने पिता की जान बचाने के लिए नहर में कूद गए। चाचा सतीश शर्मा भी नहर में कूदे। लेकिन पिता को बचा नहीं पाए।