Farmers Protest : कैथल में भी किसानों पर केस दर्ज, एएसआई से की मारपीट
एएसआइ से मारपीट करने ड्यूटी मेें बाधा और सरकारी वाहनों में तोडफ़ोड़ करने पर कैथल में किसानों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। साथ ही पंजाब-हरियाणा बार्डर पर जाम लगाकर कोविड-19 के आदेशों का उल्लंघन का केस दर्ज किया गया।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। किसान आंदोलन लगातार दिल्ली की तरफ बढ़ता जा रहा है। वहीं, कैथल में किसानों पर केस भी दर्ज कर लिए गए हैं। किसानों पर पुलिस विभाग के एएसआइ से मारपीट करने, सरकारी वाहनों को तोडऩे और ड्यूटी में बाधा पहुंचाने के मामले में शिकायत मिली। इस शिकायत के बाद चीका थाना पुलिस ने आरोपित किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पुलिस को दी शिकायत में एएसआइ विक्रम सिंह ने बताया कि पुलिस विभाग में बतौर चालक नियुक्त है। ड्यूटी वाटर कैनल पर लगाई हुई थी। 26 नवंबर को किसान आंदोलन दिल्ली चलो को लेकर पंजाब-हरियाणा बार्डर पर टटियाना गांव के नजदीक घग्गर पुल पर ड्यूटी दे रहा था।
पंजाब से ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर आए किसानों ने बार्डर पर जाम लगा दिया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यहां लगाई गई धारा 144 को तोड़ दिया। 150 से 200 किसानों का नेतृत्व बदसूई निवासी हरदीप सिंह, आम आदमी पार्टी के नेता सीवन गांव निवासी गुरमीत सिंह, कामरेड जसपाल सिंह और आंगनबाड़ी वर्कर सहित अन्य नेता भी शामिल थे।
इन लोगों ने हरियाणा की तरफ से जाकर पंजाब के लोगों को उकसाया, जो ईंट-पत्थर मारने लगे। वाटर कैनल कीगन व पाइप को तोड़ दिया। उसके साथ मारपीट की। चालक शक्ति ङ्क्षसह के साथ भी मारपीट की और गाड़ी के कैमरों को तोड़ दिया। इसके साथ-साथ लगाए गए बैरिकेड्स को भी नुकसान पहुंचाया। आरोप लगाया कि आंदोलनकारियों ने दस कुर्सियां, दस गद्दे और मैट भी चोरी कर लिए। बिजली के तार काट दिए गए। वाहनों के शीशे तोड़े। सरकारी कार्य में ड्यूटी पहुंचाने और कर्मचारियों से मारपीट करने के अलावा कोविड-19 के आदेशों की उल्लंघना की। इसकी शिकायत पुलिस को दी गई। चीका थाना पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।