छह तब्लीगी जमातियों पर केस, निजामुद्दीन से लौटने की छिपाई थी जानकारी
यमुनानगर में जानकारी छिपाने वाले क्वारंटाइन जमातियों पर केस दर्ज कर लिया गया है। हत्या के प्रयास की धारा भी ईजाद की। उन पर अब स्वास्थ्य विभाग के साथ पुलिस विभाग की नजर रहेगी।
पानीपत/यमुूनानगर, जेएनएन। जमात से लौटने के बाद जानकारी छिपाने वाले छह जमातियों की पहचान कर क्वारंटाइन किया गया है। अभी वह 14 दिन तक स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में रहेंगे। साथ ही पुलिस भी उन पर नजर रखेगी। ये सभी जमाती मरकज निजामुद्दीन से लौटे थे। न तो इन्होंने मेडिकल कराया था और न ही प्रशासन को सूचना दी थी। इन सभी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
सरकार के आदेशों के बाद लापरा के सादीन, आरिफ, शहजाद, नफीस, जीशान व मोहम्मद इंतजार के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा भी ईजाद कर ली गई है। सदर यमुनानगर थाना प्रभारी सुखवीर सिंह ने बताया कि सभी जमातियों को आइसोलेशन में रखा गया है। इनके खिलाफ धारा 188, 270, 269, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 51 व महामारी अधिनियम 1897 के साथ जांच के बाद हत्या के प्रयास की धारा भी जोड़ ली गई है।
242 की हुई थी पहचान
निजामुद्दीन मरकज से पकड़े गए जमातियों के बाद सरकार ने हर जिले में जमातियों की पहचान करनी शुरू कर दी है। जिले में 242 जमातियों की पहचान की गई थी। इसके बावजूद भी कुछ जमाती प्रशासन से जानकारी छिपा रहे थे। गृह मंत्री ने आठ अप्रैल के बाद सूचना न देने वाले जमातियों पर हत्या के प्रयास के तहत अन्य धाराओं में केस दर्ज करने के आदेश दिए थे। इसके बाद से ही स्थानीय प्रशासन ने भी जमातियों को खंगालना शुरू कर दिया।
लापरा के सात जमातियों ने नहीं दी थी सूचना
पुलिस के मुताबिक, सीआइए टू की टीम तब्लीगी जमातों से आने वाले लोगों की जांच कर रही थी। इस दौरान टीम को गांव दयालगढ़ निवासी अब्दुल कलाम उर्फ अदरीश ने बताया कि वह अपने अन्य साथियों के साथ तब्लीगी जमात में बडौदरा गुजरात गया था। उनके साथ आठ फरवरी को गांव के ही अब्दुल कादिर, सुल्तान, करीम खान, मोहम्मद रफीक, अमीर, मुस्तकीम और लापरा के सादीन, आरिफ, शहजाद, नफीस, जीशान व मोहम्मद इंतजार को हमीदा मरकज से बडौदरा गुजरात के लिए गए थे।
वडोदरा से दिल्ली पहुंचे और फिर यमुनानगर
17 मार्च को वडोदरा से दिल्ली के लिए चले। सभी तुर्कमान गेट हज कमेटी दिल्ली में रूके थे। यह मरकज के पास था। यहां से 19 मार्च को वह ट्रेन से वापिस यमुनानगर आए। रात को रेलवे स्टेशन के पास जुमा मस्जिद में रूके। 20 मार्च को अपने घर चले गए थे। दयालगढ़ के सभी जमातियों का चेकअप कराया गया था, लेकिन लापरा के जमातियों के बारे में उन्हें नहीं पता। जिस पर पुलिस ने रिकॉर्ड खंगाला, तो पता लगा कि इन जमातियों ने प्रशासन से जानकारी छिपाई है।
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