सावधान! सक्रिय हैं डेबिट कार्ड ठग
ठग जिले में सिलसिलेवार ऑनलाइन ठगी की वारदात कर रहे हैं।
नंबर गेम
15 दिन में दो लोगों से 44100 रुपये की धोखाधड़ी
27 जनवरी को बैंक ऑफिसर के खाते से उड़ाए
10 फरवरी को मार्केटिंग मैनेजर को बनाया शिकार
क्रॉसर
साइबर सेल नहीं कस पा रहा ठगों पर शिकंजा
पीड़ितों को लगाने पड़ रहे हैं थानों के चक्कर सावधान! सक्रिय हैं डेबिट कार्ड ठग
जागरण संवाददाता, पानीपत : ठग जिले में सिलसिलेवार ऑनलाइन ठगी की वारदात कर रहे हैं। डेबिट कार्ड के क्लोन बनाकर ठगी कर रहे हैं। साइबर सेल इन पर शिकंजा कसने में नाकाम रहा है। ठगी की घटनाएं बढ़ने से लोग परेशान हैं। उन्हें शिकायत दर्ज कराने के लिए पहले थानों के चक्कर लगाने पड़ते हैं फिर बैंक अधिकारियों के। पानीपत में 15 दिन में दो लोगों से 44100 रुपये की ठगी हुई है। ठगों ने दिल्ली से एटीएम से रुपये निकलवाए थे। बैंक ऑफिसर काट रहे थाने के चक्कर
महावीर कॉलोनी के विशाल ने पुलिस को शिकायत दी कि वह आइडीएफसी में सीनियर ऑफिसर है। उसका एचडीएफसी बैंक में खाता है। 27 जनवरी की शाम को वह अपने संजय चौक स्थित कार्यालय में था। 5:15 बजे मोबाइल पर 4000 रुपये निकाले जाने का मैसेज आया। 5:17 बजे 100 निकाले गए। जबकि डेबिट कार्ड उसकी जेब में था। ये रुपये मथुरा रोड बुधापुर दिल्ली स्थित एटीएम से निकाले गए। उसके खाते में सिर्फ 79 रुपये बचे। पुलिस उससे सुबूत मांगती, इसलिए उसने रेलवे रोड श्री शुभम कम्युनिकेशन से एक रुपये स्वैप कराया। एटीएम में भी कार्ड स्वैप किया और पर्ची ली। इसके बावजूद उसने कई दिन तक शिकायत दर्ज कराने के लिए थाना शहर के चक्कर लगाने पड़े। अब पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
मार्केटिंग मैनेजर के खाते से 40 हजार रुपये निकाले
खोतपुरा गांव के देवेंद्र संधू ने पुलिस को शिकायत दी कि वह पोल्ट्री मेडिसन का मार्केटिग मैनेजर है। 10 फरवरी को वह किसी काम के लिए करनाल गया था। सुबह 11:27 बजे उसके सेलफोन पर मैसेज आया कि दिल्ली के उत्तम नगर रामा पार्क नजफगढ़ रोड स्थित एसबीआइ एटीएम से 40 हजार रुपये निकाल लिए। इसमें से 20000 रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर किए और 10000-10000 रुपये निकाले गए। उसने शाम चार बजे मैसेज देखा और 11 फरवरी को शिकायत दी। सेक्टर 13-17 थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। स्कीमर से की जाती है डिटेल कॉपी
ठग एटीएम और कार्ड स्वाइप की अन्य मशीनों पर स्कीमर लगाकर रखते हैं। स्कीमर एक छोटी डिवाइस होती है। यह कार्ड स्वाइप करने के खांचे के ऊपर लगाई जाती है। स्वाइप करने के दौरान कार्ड इस स्कीमर से गुजरता है। इसी दौरान ठग स्कीमर में कार्ड की डिटेल कॉपी कर लेता है। इसके बाद ठग कार्ड का क्लोन बनाकर आपके कार्ड की डिटेल को कॉपी करता है और गोपनीय कैमरों से पिन नंबर देखकर आपके खाते से रकम उड़ाई जाती है। कैंसल बटन में डालते हैं एलफी
अब बीप वाले डेबिट कार्ड प्रचलन में है। एटीएम प्रयोग के दौरान अब ट्रांजेक्शन पूरी होने तक कार्ड मशीन के अंदर ही रहता है। ऐसे में ठग एटीएम के कैंसल बटन पर एलफी डालकर उसे चिपका देते हैं। इससे ट्रांजेक्शन के बाद भी डेबिट कार्ड बाहर नहीं आता और ताक में खड़े ठग मदद के नाम पर आपका डेबिट कार्ड बदल देते हैं। एटीएम प्रयोग से पूर्व स्कीमर और एलफी डालने की जांच कर लें। संभव हो तो केवल बैंकों और गार्ड वाले एटीएम का ही प्रयोग करें। रहें सावधान! आप ठगों की नजर में हैं
-एटीएम में कार्ड स्वाइप करने की जगह की हिलाकर जांच करें।
-कार्ड स्वाइप के खांचे से कुछ अलग होने पर प्रयोग न करें।
-एटीएम रूम में अकेले ही छिपाकर गोपनीय कोड डालें।
-ई-पेमेंट के दौरान मशीन की जांच कर खुद स्वाइप कर कोड डालें।
- कहीं भी एटीएम का पिन न लिखें।
- फ्रॉड होने के तुरंत बाद बैंक और पुलिस से शिकायत करें।