Move to Jagran APP

थाली में जहर, इसलिए बढ़ रहा कैंसर, वजह हैरान कर देने वाली

कीट साक्षरता मिशन के राज्यस्तरीय सम्मेलन चौंकाने वाली बात सामने आई है। कीटनाशकों की वजह से कैंसर बढ़ रहा है। खाने में पौष्टिक कम जहर की मात्रा ज्यादा है। पढि़ए ये रिपोर्ट।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 03:09 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 04:18 PM (IST)
थाली में जहर, इसलिए बढ़ रहा कैंसर, वजह हैरान कर देने वाली
थाली में जहर, इसलिए बढ़ रहा कैंसर, वजह हैरान कर देने वाली

पानीपत/जींद, जेएनएन।  थाली में पौष्टिक आहार की मात्रा कम और जहर ज्यादा परोसा जा रहा है। चौंकिए नहीं, ये हकीकत है। खुद कृषि वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि की है। तभी तो कैंसर रोगियों की भी संख्या बढ़ती जा रही है। ये चौंकाने वाले तथ्य सामने आए कीट साक्षरता मिशन के राज्यस्तरीय सम्मेलन में। हरियाणा किसान आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. आरएस दलाल ने बताया कि फसलों में कीटनाशकों का ज्यादा उपयोग करने से जमीन की सेहत लगातार खराब हो रही है। साथ ही हमारी थाली भी जहरीली होती जा रही है। कीटनाशकों का प्रयोग बंद करने के लिए किसानों को कीट ज्ञान हासिल करके खुद जागरूक होना होगा। 

loksabha election banner

दरअसल जींद के गांव ललित खेड़ा में कीट साक्षरता मिशन के राज्य स्तरीय सम्मेलन हुआ। इसमें सम्मेलन में प्रदेश के अलावा पंजाब से भी कृषि विशेषज्ञों व किसानों ने भाग लिया। पंजाब से आए जैविक खेती पीएयू क्लब के प्रधान बूटा सिंह ने कहा कि उन्होंने हरियाणा के किसानों से कीट ज्ञान हासिल कर बिना कीटनाशकों के खेती शुरू की है और वह बहुत जल्द ही कीटाचार्य किसानों की सहायता से पंजाब को जहरमुक्त करेंगे। महिला किसानों ने गीतों के माध्यम से कीटों के महत्व के बारे में बताया।

 farmer

ज्यादा कीटनाशकों से बढ़ रही कैंसर की बीमारी
रोहतक मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राध्यापक डॉ. रणबीर दहिया ने कहा कि कीटनाशक के जमीनी पानी में मिलने के कारण आज बीमारियां बढ़ रही हैं। कीटनाशक खाने के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने के बाद हमारे शरीर में जमा होते रहते हैं। कीटनाशकों के बढ़ते प्रभाव से शरीर का नर्वस सिस्टम प्रभावित हो रहा है। इसके चलते पेट दर्द, जोड़ दर्द, कैंसर जैसी घातक बीमारियां शरीर को अपनी चपेट में ले रही हैं। हाई ब्रीड बीज भी खतरनाक हैं। 

पौधों को 34 पोषक तत्वों की जगह देते हैं यूरिया-डीएपी
एमडीयू के पूर्व प्राध्यापक राजेंद्र चौधरी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खरपतवारनाशी को कैंसरकारक घोषित किया हुआ है लेकिन इसके बाद भी इसका प्रचलन लगातार बढ़ रहा है। पौधों को 34 प्रकार के पोषक तत्वों की जरूरत होती है, लेकिन हम उन्हें केवल यूरिया व डीएपी ही देते हैं। इससे उसे पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पा रहे हैं। 

दिमाग से कीटनाशक कंपनियों का डर निकालें किसान, करें जैविक खेती
कीटनाशकों के अंधाधुंध उयोग से जहरीली हो रही मिट्टी की सेहत और खाने की थाली को बचाने के लिए कीट आचार्य अब गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक करेंगे। किसानों को बताएंगे कि वे दिमाग से कीटनाशक कंपनियों का डर निकालें व बिना स्प्रे और रसायनों के भी अच्छा उत्पादन ले सकते हैं। 

मल्टीनेशनल कंपनियों ने भय पैदा किया
कृषि विकास अधिकारी डॉ. बलजीत लाठर ने कहा कि कीटनाशकों की मल्टीनेशनल कम्पनियों ने किसान के दिमाग में भय पैदा किया हुआ है। यदि किसानों को जागरूक करना है तो सबसे पहले उसके दिमाग से उस भय को निकालना होगा और उसका एक मात्र माध्यम है कीट ज्ञान। किसान नेता फूल सिंह श्योकंद ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का रोजगार खेती से जुड़ा हुआ है, लेकिन खेती में बढ़ती लागत के कारण खेती किसान के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। इसलिए किसानों को फसल में मौजूद मांसाहारी व शाकाहारी कीटों की पहचान कर उनके क्रियाकलापों को जानना होगा। 

दूषित हो रहा खानपान : डॉ. दलाल
हरियाणा किसान आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. आरएस दलाल ने कहा कि फसलों में अंधाधुंध प्रयोग हो रहे कीटनाशकों के कारण हमारा खान-पान दूषित हो रहा है और इसके चलते मनुष्य दिन-प्रतिदिन गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहा है। यदि खान-पान को दूषित होने से बचाना है तो डॉ. सुरेंद्र दलाल के दिखाए गए कीट ज्ञान के मार्ग पर चलना होगा। आज उनकी इस मुहिम के साथ जुड़कर हरियाणा ही नहीं बल्कि पंजाब के भी हजारों किसान बिना जहर के कम खर्च में अत्याधिक उत्पादन ले रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.