किवाना गांव के नलकूप ऑपरेटर को दस महीने से नहीं मिल पाया मानदेय
किवाना गांव के नलकूप ऑपरेटरों ने पंचायत पर 10 महीने से मानदेय नहीं देने का आरोप लगाया है। वे इस बाबत उपायुक्त, उपमंडल अधिकारी और बीडीपीओ को भी शिकायत दे चुके हैं, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली। सोमवार को सभी बीडीपीओ से मिलने आए थे। उनके नहीं मिलने पर लेखा अधिकारी व ग्राम सचिव से मिलकर चले गए।
जागरण संवाददाता, समालखा : किवाना गांव के नलकूप ऑपरेटरों ने पंचायत पर 10 महीने से मानदेय नहीं देने का आरोप लगाया है। वे इस बाबत उपायुक्त, उपमंडल अधिकारी और बीडीपीओ को भी शिकायत दे चुके हैं, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली। सोमवार को सभी बीडीपीओ से मिलने आए थे। उनके नहीं मिलने पर लेखा अधिकारी व ग्राम सचिव से मिलकर चले गए।
आपरेटर कुलवंत, रमेश और राहुल का कहना है कि किवाना में पब्लिक हेल्थ के तीन नलकूप हैं। तीनों पंचायत के अधीन हैं। तीनों ऑपरेटर गत दस-बारह वर्ष से नलकूप को ऑपरेट कर रहे हैं। पब्लिक हेल्थ हर माह उनका 4629 रुपये मानदेय पंचायत के खाते में डालता है। फिर भी पंचायत उन्हें दास माह से मानदेय नहीं दे रही है। पहले भी पंचायत ने 4629 के बदले 2400 रुपये देती रही है। मानदेय मांगने पर नौकरी से हटाने की बात कहती है। उन्होंने कहा कि वे लगातार अपने काम में जुटे हैं। ग्रामीण भी उनके काम से संतुष्ट हैं। फिर भी उन्हें काम के बदले मानदेय नहीं दिया जा रहा है। उन्हें परिवार का भरण पोषण करने में दिक्कत आ रही है।
दे देंगे आपरेटर का मानदेय: सरपंच पति
सरपंच पति सोहनलाल का कहना है कि पारिवारिक परिस्थिति के चलते ऑपरेटरों का मानदेय नहीं दिया जा सका है। जल्द ही उनका मानदेय दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरिजन बस्ती में लगे नलकूप का बोर खराब हो गया था, जो दोबारा लगा है। उसने पंचायत के ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया है।