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हादसे से मची थी चीख पुकार, बस के नीचे दबे थे तीन मासूम

आधी रात को हाईवे पर अमृतसर जा रही बस पलट गई थी। जब बस को उठाया गया तो उसके नीचे मासूम दबे हुए थे। मासूम खून से लथपथ थे। हादसे में 51 यात्री घायल हुए थे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 02:15 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 02:15 PM (IST)
हादसे से मची थी चीख पुकार, बस के नीचे दबे थे तीन मासूम
हादसे से मची थी चीख पुकार, बस के नीचे दबे थे तीन मासूम

पानीपत, जेएनएन। जीटी रोड पर बुधवार आधी रात को एक बस डिवाइडर पर चढ़कर पलट गई। बस में सवार 60 यात्रियों में से 51 घायल हो गए। कई यात्री बस के अंदर बुरी तरह फंस गए। तीन बच्ची और एक महिला के हाथ-पांव बस के नीचे दबे थे। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने क्रेन की मदद से बस को सीधा किया और लोगों को बाहर निकाला। घायलों को सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां से दिल्ली के एक दंपती को रोहतक पीजीआइ रेफर करना पड़ा। हादसा सिवाह के पास हुआ। बस दिल्ली से अमृतसर जा रही थी।

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यात्रियों ने बताया कि रात 11 बजे कश्मीरी गेट से अरमान टूर एंड ट्रैवल्स की बस अमृतसर के लिए चली थी। बस में उप्र, बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब के लोग सवार थे। चालक नशे में लग रहा था। बस रास्ते में कई अन्य वाहनों से बस टकराते-टकराते बची। सिवाह गांव के पास शायद नींद की झपकी के कारण चालक ने बस से संतुलन खो दिया। बस लगभग 50 मीटर तक डिवाइडर से रगड़ खाने के बाद ऊपर चढ़कर पलट गई। हादसे के समय अधिकतर लोग सो रहे थे। बस पलटते ही शीशे टूटकर अधिकतर यात्रियों के शरीर में घुस गए। तीन बच्ची और एक महिला के हाथ-पांव बस के नीचे फंस गए।

आंख खुली तो बस के नीचे दबी थी बेटी आसना

भिंड, मध्य प्रदेश के राजेश ने बताया कि वह पत्नी पूजा, बेटे अंकुश, बेटी आसना, भाई साहिल, उसकी पत्नी लछमी के साथ जालंधर जाने के लिए बस में सवार हुआ था। वे सो रहे थे कि अचानक बस पलट गई। ऊपरी हिस्से के स्लीपर टूटकर उनके ऊपर आ गिरे। आंख खुली तो देखी कि 11 साल की बेटी आसना बस के बाहर पड़ी थी। आसना का हाथ बस के नीचे दबा हुआ था। वो कुछ देर दर्द से छटपटाती रही, फिर बेहोश हो गई। लगभग दो घंटे बाद क्रेन ने बस उठाई तो आसना को इलाज के लिए ले जाया गया।

हादसे के 15 घंटे बाद भी नहीं हुआ एक्स-रे

इटावा, उप्र के प्रदीप ने बताया कि वह पत्नी माया और नौ साल के बेटे राजबीर के साथ मोगा जा रहा था। बस पलटने से उसके, पत्नी माया के गर्दन पर कांच के शीशे घुस गए। माया का दांत टूटकर अंदर धंस गया। बेटे राजबीर के दोनों पांव बस के टूटे स्लीपर और सीट के बीच में फंस गए। बेटे को लहुलूहान हालत में देख उसने सीट हटाने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुआ। बेटे के दोनों पांवों में फ्रैक्चर हो गया। अस्पताल में डॉक्टर ने एमएलआर नहीं काटी, नतीजन शाम चार बजे तक बेटे का एक्स-रे तक नहीं हो पाया।

हादसे में ये लोग हुए घायल

हादसे में दिल्ली का अनिल, उसकी पत्नी वीना, बेटी रीना, बृजेश, भावना, परविंद्र, पत्‍नी जसविंद्र कौर, बेटा आशू घायल हो गए। अनिल और वीना को गंभीर हालत के चलते पीजीआइ रोहतक रेफर किया गया। जालंधर का का गुपेंद्र, जितेंद्र, बठिंडा का मोहम्मद हुसैन, अलीगढ़ की गुड्डी, रजनी, उप्र के नत्थूराम, उसकी बेटी काजल, मीना, कृपाल, राजेंद्र, अशोक, फईम, आमिर, अर्जुन, बिहार के श्रवण, दिलीप, राकेश, अमरजीत, दीपक, कमलेश, ललित, भोगेंद्र, लड्डू सहित 51 को चोटें आई। इनमें से 46 को डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार देकर छुट्टी दे दी। 

ये अधिकारी पहुंचे मौके पर 

हादसा होते ही प्रशासनिक अमला घटनास्थल पर जुट गया। पुलिसकर्मियों और राहगीरों ने घायलों को शीशे तोड़कर बाहर निकाला। क्रेन से बस उठाई। इसके नीचे दबे तीन बच्चों आसना, कृष्णा, राजबीर और एक महिला को बाहर निकाला गया। इनका फिलहाल इलाज चल रहा है। वहीं डीएसपी हेड क्वार्टर सतीश कुमार वत्स, डीएसपी पूजा डाबला, डीएसपी ओमप्रकाश बिश्नोई, एसपी रीडर और सेक्टर 29 थाना प्रभारी राजबीर सिंह मौके पर पहुंचे। राजबीर सिंह ने बताया कि बस चालक के खिलाफ केस दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। सरकारी आदेशों की उल्लंघना कर बस में अधिक सवारियां बिठाई गई थी।


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