यमुनानगर में कालका से हरिद्वार जा रही श्रद्धालुओं से भरी बस पलटी, 23 लोग घायल Panipat News
बिलासपुर-छछरौली मार्ग पर शाहपुर गांव के नजदीक मोड़ पर श्रद्धालुओं से भरी बस पलट गई। इसमें करीब 23 यात्री घायल हो गए।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। कालका से हरिद्वार जा रही श्रद्धालुओं से भरी बस बिलासपुर-छछरौली मार्ग पर शाहपुर गांव के पास पलट गई। हादसा तेज गति से फॉरच्यूनर कार गलत दिशा में सामने आने से हुआ। बस में सवार 23 श्रद्धालु घायल हो गए।
कालका निवासी बस ड्राइवर गुरनाम ने बताया कि वह कालका से हरिद्वार के लिए बस लेकर जा रहा था। सभी श्रद्धालु कालका के थे। हिमाचल प्रदेश के पौंटा साहिब होते हरिद्वार जा रहा था। बस शाहपुर गांव से आगे पहुंची, तो सामने से एक तेज रफ्तार फॉरच्यूनर कार आ गई। कार को बचाने में बस मोड़ के पास खेत में पलट गई। इस बस में चालक, परिचालक समेत 52 लोग थे। बस का शीशा तोड़ कर लोगों को बाहर निकाला गया।
52 श्रद्धालु थे बस में
हरिद्वार जा रही दीप टूरिस्ट कंपनी की बस में कालका की हाउङ्क्षसग बोर्ड, मुरारी मोहल्ला, बिटना रोड, परेड मोहल्ला समेत कई जगहों के लोग सवार थे। सुबह पांच बजे कालका से बस चली थी। बस में 52 श्रद्धालु थे। क्योंकि सभी धार्मिक यात्रा पर जा रहे थे इसलिए अंदर बैठे लोग भजन कीर्तन कर रहे थे। लेकिन छछरौली रोड पर शाहपुर गांव पार करते ही बस में चीख पुकार मच गई।
बस पलटते ही एक दूसरे के नीचे दब गए श्रद्धालु
बस पलटते ही सभी श्रद्धालु एक दूसरे के ऊपर गिर गए। कुछ लोग तो बस की सीटों के बीच में फंस गए। सबसे ज्यादा चोट बस में पीछे बैठे लोगों को लगी। वहां से गुजर रहे लोगों ने बस का पिछला शीशा तोड़ कर घायलों को बाहर निकाला। बस के ड्राइवर गुरनाम ने अगला शीशा तोड़ कर निकलने का रास्ता बनाया। जब घायल बाहर निकले तो किसी ने अपना सिर पकड़ रखा था तो किसी की बाजू व टांग पर चोट लगी थी।
पांच मिनट में पहुंच गई एंबुलेंस
कंट्रोल रूम में फोन करते ही पांच मिनट में बिलासपुर अस्पताल से दो एंबुलेंस घटनास्थल पहुंच गई। तीसरी एंबुलेंस छछरौली अस्पताल से पहुंची। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। रविवार की छुट्टी होने के बावजूद अस्पताल के स्टाफ ने तुरंत घायलों का उपचार शुरू कर दिया। घायल ज्यादा होने के कारण क्वार्टरों से चारपाई मंगवा कर उन्हें लेटाया गया। घायलों को जब पंचकूला रेफर किया गया तो किसी भी एंबुलेंस में ईएमटी (इमरजेंस मेडिकल टेक्निशियन) नहीं था। यदि रास्ते में किसी मरीज की तबीयत बिगड़ जाए तो उसका ध्यान कौन रखेगा।
सड़क का बरम होता हो नहीं होता हादसा
शाहपुर गांव के पास जहां हादसा हुआ वहां सड़क का बरम तीन फुट तक नीचे हैं। आनन फानन में बस चालक ये अंदाजा नहीं लगा पाया कि सड़क का बरम नहीं है। इसलिए बस के अगले दो पहियों में से एक जमीन पर व दूसरा हवा में था। जिस कारण बस कंट्रोल नहीं हो सकी। यह सड़क पीडब्ल्यूडी यमुनानगर के पास है। बिलासपुर से लेकर छछरौली तक पूरी सड़क के बरम दुरुस्त नहीं हैं। जो ये दर्शाता है कि पीडब्ल्यूडी अधिकारी सड़कों का ध्यान ठीक से नहीं रख रहे।
हादसे में ये हुए घायल
हादसे में कालका के मुरारी मोहल्ला निवासी 12 वर्षीय हिमानी, मोना व उसकी देवरानी सुधा, हाउसिंग बोर्ड निवासी 67 साल का तरसेम गुप्ता व उनकी पत्नी 60 साल की कमलेश गुप्ता, 50 साल की इंदू व उनका पति सुनील कौशल, प्रवीण व उनकी पत्नी सुमन, 72 साल का विनोद कुमार व उनकी पत्नी शशी, 60 साल का पिंजौर के रतपुर निवासी 60 वर्षीय प्रेमचंद, इसी गांव का 45 वर्षीय जग्गी, कालका के टिपरा निवासी 40 साल की ओनिमा, डाकघर के पास रहने वाली 45 वर्षीय आशु, रेलवे कॉलोनी की मनीषा व उनकी मां बेबी, सोनिया, हर्ष सिंघल, 50 साल की पारूल, बेला, 30 वर्षीय आशु, कैलाश रानी के सिर, छाती व बाजू पर चोट लगी।
सरपंच ने ट्रैक्टर से दूसरी जगह पहुंचाए लोग
जब हादसा हुआ तो वहां से धर्मकोट गांव के सरपंच रणजोध ङ्क्षसह गुजर रहे थे। सभी घायल बस से निकल कर सड़क किनारे खड़े थे। तभी सरपंच ने गांव में फोन कर ट्रैक्टर-ट्राली मंगाई जिसमें लोगों को बिठाकर पुष्पांजलि रिजोर्ट ले जाया गया ताकि सभी एक जगह आराम से बैठ सकें। बिलासपुर के लवली, रामकुमार अन्य लोगों ने उनकी मदद करते हुए पानी, चाय व बिस्कुट का प्रबंध किया।
बरम टूट गए होंगे : एक्सइएन
पीडब्ल्यूडी के एक्सइएन ऋषि सचदेवा से बात की तो उन्होंने कहा कि मोड़ पर चेतावनी बोर्ड तो लगा रखे हैं। बरम ट्रकों ने तोड़ दिए होंगे। जब उन्हें बताया गया कि सारी सड़क के बरम कहीं से भी ठीक नहीं हैं तो उन्होंने कहा कि एसडीओ से इसकी जांच करवा कर ठीक कर देंगे।