जिमखाना के सवा करोड़ पचा गए नौकरशाह
जागरण संवाददाता, पानीपत : देखते ही देखते शहर में सवा करोड़ का घोटाला हो गया। हैरानी की बात तो ये ह
जागरण संवाददाता, पानीपत :
देखते ही देखते शहर में सवा करोड़ का घोटाला हो गया। हैरानी की बात तो ये है कि अफसरों ने सीएम का भी लिहाज नहीं रखा। एक करोड़ रुपये ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा की मांग पर सीएम घोषणा में आए थे। प्राधिकरण के एक अधिकारी ने गत महीने ही क्लब को रेनोवेट करने के लिए 25 लाख लगाने का दावा किया था। इसके बावजूद जिमखाना क्लब कूड़ाखाना बना हुआ है। प्रशासनिक और प्राधिकरण का कोई भी अधिकारी सीएम घोषणा के पैसे के बारे में ठीक से नहीं बता रहा। जिस जगह पर शहर के लोगों को मनोरंजन, कसरत और कार्यक्रमों के लिए पहुंचना चाहिए था, उसी जगह को निगम ने कचरा उठाने वाली जेबीएम कंपनी को पार्किंग और वर्कशॉप बनाने के लिए दे दिया।
सेक्टर-25 स्थित जिमखाना क्लब 2013 में कांट्रेक्टर द्वारा आत्महत्या करने के बाद से बंद पड़ा है। अफसर ने इन पांच वर्षों जिमखाना क्लब को चलाने का प्रयास तो नहीं कर पाए लेकिन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने गत माह 25 लाख रुपये मेंटेनेंस के नाम पर लगा दिए। इस पैसे से बाथरूम और टायलेट की सीट और टायल बदली। जिमखाना क्लब इतने मोटे पैसे लगने के बाद आज भी खंडहर बना हुआ है। बता दें कि क्लब की फीस प्रति सदस्य 200 रुपये प्रति महीना है। किसी ने कोई कार्यक्रम करना होता तो उसका चार्ज अलग होता है। ग्रामीण विधायक की मांग पर सीएम ने की थी घोषणा
पानीपत ग्रामीण हलका के विधायक महीपाल ढांडा ने बताया कि सेक्टर-25 स्थित जिमखाना क्लब ग्रामीण हलका क्षेत्र में आता है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने जिमखाना क्लब को फिर से चालू करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने जिमखाना क्लब के लिए एक करोड़ रुपये की घोषणा की थी। अधिकारियों ने इतना पैसा आने के बाद भी जिमखाना क्लब को चालू नहीं किया। यह ¨चता का विषय है। प्रशासन और प्राधिकरण के अधिकारियों से एक करोड़ की ग्रांट का हिसाब मांगा जाएगा। वह जिमखाना क्लब को जल्द ही चालू हालात में लेकर आएंगे। पानीपत शहर की विधायक रोहिता रेवड़ी ने बताया कि जिमखाना क्लब शहर की पहचान थी। इसको दोबारा उसी पहचान में लाया जाएगा। वह ग्रामीण के विधायक महीपाल ढांडा और निगम अधिकारियों से बातचीत करेंगी। जिमखाना क्लब से जल्द ही पार्किंग और वर्कशाप को हटवा दिया जाएगा। निगम कमिश्नर को अपने स्तर पर भी इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
अधिकारियों के इशारे पर कंपनी का कब्जा
जेबीएम कंपनी ने जिमखाना क्लब में पार्किंग और वर्कशाप बना रखी है। इसको देखकर जिमखाना क्लब कम वर्कशाप ज्यादा नजर आता है। कंपनी के एजीएम विपुल शर्मा ने बताया कि निगम कमिश्नर ने ही उनको जिमखाना क्लब की जगह दी है। उन्होंने निगम की मंजूरी के बाद ही पार्किंग शुरू की थी। 12 करोड़ की बिल्डिंग हो रही खंडहर
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के एसडीओ डीके मलिक ने बताया कि 2002 में जिमखाना क्लब की आधारशिला रखी थी। उस वक्त बि¨ल्डग पर दो करोड़ रुपये खर्च आया था। जिमखाना क्लब और इसका स्वी¨मग पूल पांच एकड़ में है। 2002 में पांच एकड़ जमीन करीब 2.5 करोड़ रुपये की थी। यह अब दो करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से करीब 10 करोड़ रुपये की हो गई है।
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सीधी बात : जगमाल, एक्सईएन, एचएसवीपी
सवाल : जिमखाना क्लब को बंद क्यों रखा जा रहा है?
जवाब : 2013 में कांट्रेक्टर ने जिमखाना क्लब में आत्महत्या कर ली थी। किसी के आगे न आने से जिमखाना क्लब बंद है। सवाल : करोड़ों की बिल्डिंग रख-रखाव के अभाव में खंडहर होती जा रही है, ऐसा क्यों?
जवाब : ऐसा नहीं है, प्राधिकरण ने गत माह ही 25 लाख रुपये में मरम्मत कराई है। सवाल : 25 लाख खर्च करने के बाद भी जिमखाना क्लब चालू क्यों नहीं किया जा सका?
जवाब : जिमखाना क्लब को चलाने के लिए ही इसकी मरम्मत कराई गई है। सवाल : जब ठेकेदार को जिमखाना क्लब को दिया जाना है तो सरकारी पैसे से मरम्मत क्यों कराई?
जवाब : ठेकेदार को तैयार हालात में ही जिमखाना क्लब दिया जाना है। इसी को देखते हुए मरम्मत कराई गई है। सवाल : मुख्यमंत्री ने भी जिमखाना क्लब के लिए एक करोड़ रुपये की घोषणा की थी, इस पैसे का क्या रहा?
जवाब : मुख्यमंत्री ने एक करोड़ रुपये की घोषणा की थी लेकिन यह मेरे आने से पहले का विषय है। सवाल : जिमखाना क्लब को खंडहर होने से बचाने के लिए आप क्या करेंगे?
जवाब : जिमखाना क्लब को जल्द ही शुरू किया जाएगा।