पानीपत में साठ फीट ऊंची टंकी पर चढ़ा सांड, हरा चारा दिखाकर उतारा
पानीपत के गांव कुराड़ में जमा हो गए ग्रामीण। सांड को नीचे उतारने के लिए कड़ी मशक्क्त की। दो घंटे लग गए। राजकीय स्कूल के पास टंकी पर चढ़ा था। सुबह हो सकता था बड़ा हादसा। बेसहारा गोवंश की बढ़ गई संख्या।
पानीपत, जेएनएन - कुराड़ गांव में सुबह-सुबह ग्रामीणों को अजीब हालात का सामना करना पड़ा। डर था कि कहीं बड़ा हादसा न हो जाए। दरअसल, एक सांड साठ फीट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़ गया। उसे उतारने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। ग्रामीणों ने पहले इशारा करके उसे नीचे उतारने का प्रयास किया। फिर हरा चारा लेकर आए। चारे को आगे करते, सांड थोड़ा आगे सरकता। इस तरह धीरे-धीरे सांड को नीचे उतारा। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद सांड को नीचे उतारा जा सका।
सनौली क्षेत्र में पड़ता है गांव कुराड़। यहां राजकीय स्कूल के पास ही पानी की टंकी है। दरवाजे के साथ ही सीढ़ियां ऊपर जा रही है। सुबह करीब आठ बजे एक सांड इन्हीं सीढ़ियों से होते हुए टंकी के सबसे ऊपर तक पहुंच गया। गांव वालों ने देखा तो वहां भीड़ एकत्र हो गई। देखते ही देखते सब ये सोचने लगे कि अब इस सांड को नीचे कैसे उतारा जाए। दो ग्रामीण ऊपर पहुंचे। पर सांड नीचे आने को तैयार नहीं हो रहा था।
नीचे से भेजा चारा
दोनों ग्रामीण नीचे उतरे। ग्रामीणों ने उन्हें दोबारा हरा चारा देकर भेजा। ये आइडिया काम कर गया। सांड चारे को देखकर आगे बढ़ने लगा। सीढ़ियों से धीरे धीरे नीचे उतरने लगा। जब सांड नीचे उतरा, तभी सभी ने राहत की सांस ली।
टंकी पर चढ़ा सांड
हो सकता था हादसा
सांड की वजह से बड़ा हादसा हो सकता था। अगर टंकी से नीचे गिरता तो नीचे खेल रहे बच्चे इसकी चपेट में आ सकते थे। सांड की भी मौत हो सकती थी।
गांव में बढ़ गए बेसहारा गोवंश
ग्रामीणों ने बताया कि इन दिनों गांव में बेसहारा गोवंश की संख्या बढ़ गई है। गोशालाओं में इनको जगह नहीं मिल रही। सड़क पर सुबह, दोपहर और शाम के समय गोवंश केा बैठा हुआ देखा जा सकता है। कचरे के ढेर पर ये मुंह मारते हैं। हादसे होने की आशंका रहती है। इस वजह से ग्रामीण अपने छोटे बच्चों को अकेले बाहर नहीं भेजते। यहां तक की बाइक सवार भी चोटिल हो रहे हैं।