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शाबाश भाई! रक्षासूत्र का निभाया वचन, बहन के जीवन को ऐसे बचाया

निजामपुर में सोनीपत के गांव बारात आई थी। शादी थी एक नाबालिग लड़की की। जब परिजन नहीं मानें तो मजबूरन भाई को अपनी बहन के लिए ये कदम उठाना पड़ा। फिर जो हुआ उसे अधिकारियों ने सराहा।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 01:59 PM (IST)Updated: Sat, 01 Dec 2018 11:36 AM (IST)
शाबाश भाई! रक्षासूत्र का निभाया वचन, बहन के जीवन को ऐसे बचाया
शाबाश भाई! रक्षासूत्र का निभाया वचन, बहन के जीवन को ऐसे बचाया

पानीपत, जेएनएन। शाबाश भाई! पुलिस को किए गए एक फोन से नाबालिग बहन बालिका वधू बनने से बच गई। भाई ने अपनी बहन के लिए जो कदम उठाया उसको देखकर हर बहन यही कहेगी कि भगवान ऐसा भाई सबको दे। जानने के लिए पढ़ें दैनिक जागरण की ये खबर।

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बाल विवाह के खिलाफ अभियान का असर दिखने लगा है। अब भाई ने बहन को बालिका वधू बनने से बचा लिया। ऐसा वाकया निजामपुर में देखने को मिला। निजामपुर गांव में बृहस्पतिवार दोपहर को सोनीपत के एक गांव से बरात आने वाली थी। बड़े भाई ने पुलिस को कॉल करके नाबालिग बहन की शादी रुकवा दी। माहौल बिगडऩे पर बहनें भाई की पिटाई करने के लिए दौड़ी। पुलिस ने उन्हें रोक दिया। भाई ने सुसाइड करने की धमकी दी। डेढ़ घंटे तक हंगामा होता रहा। बैंड-बाजा सहित बराती महिला थाने पहुंचे। दूल्हा भी नाबालिग निकला। अदालत ने शादी रोकने का आदेश दिया है। घटनाक्रम दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक चलता रहा।

जीजा और बहन के पास रहती थी नाबालिग
करनाल के एक गांव में अपनी बहन के पास रहने वाले युवक ने बताया कि उसकी छोटी बहन निजामपुर में जीजा व बहन के पास रहती है। जीजा ने अपनी बुआ के पोते से उसकी शादी तय कर दी। वर पक्ष का परिवार ठीक न होने के कारण वह शादी का विरोध कर रहा था। गुरुवार को बरात पहुंच गई। उसने पुलिस को सूचना दे दी। 

आधार कार्ड और आयु प्रमाण में उम्र अलग
थाना सदर प्रभारी विरेंद्र कुमार और जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता मौके पर पहुंचीं। आधार कार्ड की जांच करने पर जन्मतिथि 1 जनवरी 1999 पाई गई। इसके तहत लड़की बालिग मिली। थाना प्रभारी वीरेंद्र ङ्क्षसह ने लड़की के अलेवा थाना क्षेत्र (जींद) के गांव के सरपंच और पुलिस की मदद से स्कूल के आयु प्रमाणपत्र को वाट्सएप पर मंगवाया। इसके तहत लड़की की जन्म तिथि 14 जून 2001 निकली। लड़की नाबालिग थी। 

बारातियों को भी ले गए थाने
रजनी गुप्ता लड़की को महिला थाने स्थित अपने कार्यालय ले गईं। इस घटना का पता चलने पर दूल्हा फूलों से सजी गाड़ी से बरातियों के साथ थाने में पहुंचा। यहां जांच में दूल्हे की आयु 20 साल तीन महीने मिली। रजनी गुप्ता ने प्रथम न्यायिक दंडाधिकारी ज्योति ग्रोवर की अदालत में बाल विवाह अधिनियम 2006 की धारा 3 के तहत शादी पर रोक लगाने की अर्जी दी। अदालत ने उस पर रोक लगा दी। थाना सदर प्रभारी को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करें कि नाबालिग लड़के व लड़की की शादी नहीं होने दें। लड़की के जीजा, बहन, लड़के व उसके पिता ने कोर्ट से माफी मांगी। लिखित में दिया कि वे लड़की व लड़के के बालिग होने पर ही शादी करेंगे। 

पिता ने आठ साल पहले कर दी थी मां की हत्या
रजनी गुप्ता ने बताया कि लड़की के पिता ने आठ साल पहले उसकी मां की हत्या कर दी थी। वह उम्रकैद की सजा भुगत रहा है। लड़की की दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है। उससे एक बड़ा भाई, एक छोटी बहन और भाई है। लड़की के जीजा ने दावा किया कि उसने ससुर की अनुमति के बाद ही शादी तय की थी।


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