भाई निज्जू ने स्वर्ण जीतकर दिया रक्षाबंधन का बेशकीमती तोहफा
बड़े भाई नीरज चोपड़ा उर्फ निज्जू से रक्षाबंधन पर रविवार को फोन पर बात हुई थी। तब उसने भाई से कहा था कि आपको राखी नहीं बांध पाऊंगी।
विजय गाहल्याण, पानीपत
बड़े भाई नीरज चोपड़ा उर्फ निज्जू से रक्षाबंधन पर रविवार को फोन पर बात हुई थी। तब उसने भाई से कहा था कि आपको राखी नहीं बांध पाऊंगी। इसकी उसे टीस है लेकिन गर्व है कि आप देश के लिए खेलने गए हैं। भैया मुझे रुपये व कोई कीमती तोहफा नहीं सिर्फ स्वर्ण पदक चाहिए। यही मेरा सबसे बड़ा तोहफा होगा। मुझे यकीन है कि आप ऐसा करेंगे। अब भाई ने ऐसा कर दिखाया है। यह अभी तक के रक्षाबंधन पर भाई द्वारा दिया गया सबसे बेशकीमती तोहफा है।
यह कहते ही खंडरा गांव निवासी संगीता की आंखें खुशी से नम हो गई। चाची सुमित्रा ने गले लगाया और लड्डू खिलाया। संगीता ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि भाई निज्जू ने जब से खेलना शुरू किया है तब से वे घर से बाहर ही रहते हैं। रक्षाबंधन पर भाई की याद आती है लेकिन उसके अभ्यास में कमी न रहे इसका भी उसे भान है। गत वर्ष छोटी बहन सविता ने जिद कर ली थी कि नीरज को ही राखी बांधूंगी। निज्जू को फोन किया तो वह रात नौ बजे पटियाला से घर पहुंचे और राखी बांधी। तब भी उन दोनों बहनों ने भाई से कोई तोहफा नहीं मांगा था।
ओलंपिक के बाद करूंगी निज्जू की शादी : सरोज
नीरज की मां सरोज ने बताया कि वह बेटे से फोन पर ज्यादा बात नहीं करती। ताकि उसके अभ्यास में बाधा न पहुंचे। 12 दिन पहले बेटे की कॉल आई थी कि मां मैं ठीक हूं। अभ्यास ठीक हो रहा है। उसने बेटे से कहा था कि देश को उम्मीद है। उस पर खरा उतरना। उसे भी खुशी होगी अगर अव्वल आया तो।
बेटे का खेल देखने के लिए उसने घर का काम जल्दी से निपटा लिया था। वह भैंस का दूध निकालने नहीं गई। देवरानी को दूध निकालने के लिए भेज दिया। उसने टीवी पर बेटे को भाला फेंकते और जीतने देखा। बेटा जीत गया है। नीरज की शादी के सवाल पूछे जाने पर सरोज ने कहा कि अखबार में पढ़ा था कि बेटे की विनेश फौगाट से नजदीकी बढ़ी है लेकिन वह ऐसा नहीं है। अगर कुछ होता तो वह उन्हें जरूर बताता। वह चाहती है कि बेटा रोड़ समाज की ही लड़की से शादी करे। वह ओलंपिक के बाद ही उसकी शादी करेंगी।
पिता ने दिलाई थी सात हजार की जेवलिन
पांच साल पहले किसान पिता सतीश चोपड़ा ने बड़ी मुश्किल से नीरज के अभ्यास के लिए सात हजार की कामचलाऊ जेवलिन दिलाई थी। चाचा सुल्तान ने बताया कि नीरज को घर की आर्थिक स्थित का पता था। उसने हर रोज आठ घंटे अभ्यास किया। इसी का नतीजा रहा कि अंडर-16, 18 और 20 की मीट व नेशनल रिकॉर्ड बना डाला। इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।
पोलैंड में अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जेवलिन थ्रो में वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। ये है नीरज की उपलब्धि
-अंडर-20 में वर्ल्ड रिकॉर्ड। इंडिया रिकॉर्ड।
-2018 में कामनवेल्थ में स्वर्ण पदक।
2016 में साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक के साथ-साथ इंडिया रिकॉर्ड की बराबरी।
-2014 में अंडर-18 नेशनल यूथ एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नेशनल रिकॉर्ड।
-2015 में अंडर-20 फेडरेशन कप जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप का न्यू मीट रिकॉर्ड।
-2012 में अंडर-16 नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रिकॉर्ड।