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Gangwar in Ambala: राहुल और पंजा का पोस्टमार्टम, सीटी स्कैन की मदद से शव से निकालीं गोलियां

वीरवार को अंबाला शहर में लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने भुप्पी गैंग के सदस्यों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं। इसमें राहुल उर्फ अन्ना व प्रदीप उर्फ पंजा की मौत हो गई थी। राहुल की छाती से दो गाेलियां मिलीं। छह गोलियां उसके सीने को चीरते हुए निकल गई थीं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 06:30 AM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 06:30 AM (IST)
Gangwar in Ambala: राहुल और पंजा का पोस्टमार्टम, सीटी स्कैन की मदद से शव से निकालीं गोलियां
बदमाशों ने नौ एमएम और 7:62 एमएम की गोली से ताबड़तोड़ फायरिंग की थी।

अंबाला, जेएनएन। गैंगवार में मारे गए राहुल उर्फ अन्ना व प्रदीप उर्फ पंजा का शुक्रवार को तीन डॉक्टरों के बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया। डॉक्टरों ने गोलियां से छलनी हुए राहुल और पंजा के शरीर से गोलियां निकालने के लिए पहले सिटी स्कैन करवाया। इसके बाद सिटी स्कैन की मदद से गोलियां तलाश कर बाहर निकाली गईं।

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पोस्टमार्टम के दौरान राहुल की छाती से दो गाेलियां मिलीं। छह गोलियां उसके सीने को चीरते हुए बाहर निकल गई थीं। वहीं प्रदीप उर्फ पंजा के शरीर से भी पांच गोलियां बाहर निकली थीं। हमलावरों ने जिन गोलियों से राहुल, प्रदीप, अश्वनी और गौरव पर हमला बोला था, उनमें अधिकतर नौ एमएम और 7:62 एमएम की गोली का प्रयोग किया गया था। सभी गोलियां करीब डेढ़ से तीन फीट नजदीक से चलाई गई थीं। इसलिए राहुल और पंजा की मौके पर मौत हो गई थी। जबकि गौरव को दो गोली लगी थीं जो पेट और बाजू की साइड से निकल गईं तथा अश्वनी की बाजू पर एक गोली लगी थी। इन दोनों का इलाज चंडीगढ़ और पंचकूला में चल रहा है।

दो दिन पहले राहुल आया था चंडीगढ़

उधर, पोस्टमार्टम हाउस राहुल का शव लेने के लिए भाई हितेश कुमार और विरेंद्र कुमार के अलावा अन्य स्वजन पहुंचे थे। भाई हितेश कुमार के मुताबिक उसका भाई राहुल सफेदी करने का काम करता था। मूलरूप से वे राजस्थान के जयपुर में रहते हैं। चंडीगढ़ के गांव मौली जागरा में किराये के मकान पर रह रहे थे। 25 मार्च को राहुल उर्फ अन्ना की कोर्ट में पेशी थी। इसलिए वह दो दिन पहले ही जयपुर से चंडीगढ़ आया था। राहुल का संस्कार जयपुर में ही होगा।

पिता बोले, प्रदीप को बोला था मत जा अंबाला

वहीं पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे मृतक प्रदीप उर्फ पंजा के पिता विक्रम का कहना था कि शादी हो जाने के बाद प्रदीप काफी बदल चुका था। अगर उन्हें दवाई दिलवानी होती तो खुद ही साथ चल देता था। वीरवार को कोर्ट में पेशी पर जाने के लिए प्रदीप सुबह ही उठ गया था। लेकिन पता नहीं क्यों उनका मन घबरा रहा था। इसलिए प्रदीप को पेशी पर जाने से रोक रहा था। मगर प्रदीप ने कहा कि अगर आज पेशी पर नहीं गया था वारंट निकल जाएगा। इसके बाद दोबारा नहीं रोका। दोपहर को बेटे प्रदीप की मौत की खबर सुनने को मिली।

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