कंबल महंगा हो रहा है, क्योंकि धागा तो महंगा भी नहीं मिल रहा
पानीपत में स्पिनिंग मिलों ने रोकी डिलीवरी महंगा धागा भी नहीं मिल पा रहा। लाकडाउन में जो यूनिट बंद थी उनके खुलने से धागे की मांग बढ़ी। मिंक कंबल 3 डी चादर उद्योगों की स्थित खराब। धागा आयात भी नहीं कर पा रहे उद्योग। विदेशों से आने में लगेगा समय।
पानीपत, जेएनएन - चीन को मात देने वाला मिंक कंबल और 3 डी चादर रा-मेटिरियल (कच्चा माल) के लिए जूझ रहा है। धागा मिलों ने पुरानी बुकिंग की डिलीवरी जहां रोक दी है, वहीं नई बुकिंग नहीं हो पा रही है। पोलिस्टर धागे के दाम पहले ही बढ़ चुके हैं। भाव बढ़ने के बावजूद धागा न मिलने के कारण मिंक कंबल और 3 डी चादर उद्योग अधिक परेशानी में हैं। इन दिनों दीपावली सीजन चल रहा है। इस सीजन में सबसे अधिक मांग होती है। सर्दी में मिंक कंबल की मांग होती है। 3 डी चादर का डिजाइन बेहतर होने और सस्ती होने के कारण अधिक बिकती है। दीपावली के त्योहारी सीजन में बैडशीट, कंबल पैकिंग गिफ्ट में अधिक बिक रहा है। धागे की कमी की वजह से कंबल के रेट बढ़ रहे हैं। सीधा असर कंबल खरीदने वालों पर पड़ रहा है।
मिलों में स्टाक खाली हो रहा
धागे की आपूर्ति कम होने के कारण उद्योगों की स्थिति हैंड टू माउथ की बनी हुई है। मिलों में स्टाक खाली है। मिंक कंबल कारोबारी प्रीतम सचदेवा का कहना है कि इस सीजन से काफी उम्मीदें थी। महंगा धागा मिलता तो कंबल महंगा बेच लेते। समस्या धागे की डिलेवरी का नहीं मिलना है। मिले पुरानी नई डिलेवरी नहीं दे पा रही है। पेट्रोलियम पदार्थों के दाम भी नहीं बढ़े हैं।
पांच मिलों पर निर्भर
पोलिस्टर के पांच बड़ी मिलों पर पूरे देश की आपूर्ति निर्भर है। कोविड के कारण कई टेक्सटाइल नगर बंद पड़े थे। अब सूरत आदि मंडियां भी खुल चुकी हैं। वहां कि मिलों में पोलिस्टरयार्न की डिमांड निकली है। यार्न मिलों में उत्पादन अपेक्षाकृत कम हो रहा है। इसका सीधा असर आपूर्ति लाइन पर पड़ा है। उद्योगों में पहले से धागे का स्टाक खत्म है। पानीपत में 25 नए उद्योगों में भी उत्पादन चालू हो चुका है। इन उद्योगों की मांग भी बढ़ गई है।
कंबल 200 तक पहुंच रहा
मिंक कंबल अब दो सौ रुपये प्रति किलो तक पहुंचने वाला है। यह तो फैक्ट्री का भाव है। रिटेल में इससे सौ रुपये ज्यादा तक बिक जाता है। यानी, धागे की कमी की वजह से सर्दी में आपको कंबल महंगे दाम पर मिलने वाला है। अगर धागे की कमी दूर हो गई तो यही रेट नीचे भी आ सकता है।