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हरियाणा के इस शहर में बढ़ रहा काला पीलिया, 54 लोग पीडि़त

हरियाणा के यमुनानगर में काला पीलिया के केस बढ़ते जा रहे हैं। 54 लोग इसकी गिरफ्त में आ चुके हैं। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने स्‍क्रीनिंग कराई थी। 11 हजार 560 लोगों की जांच हुई थी। इलाज नहीं होने की वजह से लीवर का कैंसर तक हो सकता है।

By Avneesh kumar Edited By: Anurag ShuklaPublished: Wed, 28 Sep 2022 09:33 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 09:33 AM (IST)
हरियाणा के इस शहर में बढ़ रहा काला पीलिया, 54 लोग पीडि़त
यमुनानगर में काला पीलिया के 54 केस।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर में काला पीलिया पांव पसार रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने तीन माह में 11 हजार 560 लोगों की जांच कराई है। जिसमें 54 मरीज काला पीलिया के मिले हैं। विभाग ने इनका इलाज शुरू कर दिया है। हालांकि कुछ मरीज बीच में इलाज छोड़ रहे हैं। यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। इस बीमारी का पूरा इलाज न होने पर लीवर का कैंसर होने की संभावना रहती है। जेल के 11 बंदी भी काला पीलिया से ग्रसित मिले हैं।

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इस वजह से हो सकता है काला पीलिया

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, एक ही इंजेक्शन या सुइयों का इस्तेमाल कई लोगों में करने से काला पीलिया फैल सकता है। इंजेक्शन के जरिए नशा करने वालों में इसकी संभावना अधिक रहती है।एचआइवी संक्रमित साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाने या एक से अधिक साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाने से भी यह बीमारी हो सकती है। यदि इनमें से किसी में भी पहले इस बीमारी के लक्षण है, तो काला पीलिया होने की पूरी संभावना है। हेपेटाइटिस-सी से संक्रमित मां के द्वारा जन्मे बच्चे में भी इसका संक्रमण फैल सकता है। आज के समय में टैटू का प्रचलन बढ़ गया है। जिसकी वजह से भी काला पीलिया फैलने की संभावना रहती है, क्योंकि टैटू बनाने वाले एक ही सुई का प्रयोग अलग-अलग लोगों पर करते हैं।

यह है स्थिति :

माह - स्क्रीनिंग - रोगी

जून - 3900 - 17

जुलाई - 3801 - 17

अगस्त - 3859 - 20

दो तरह से होती है स्क्रीनिंग :

काला पीलिया की दो तरह से स्क्रीनिंग की जाती है। पहले एचसीवी (हैपेटाइटिस सी वायरस) की जांच की जाती है। यदि इसमें काला पीलिया की पुष्टि होती है, तो उसका इलाज कराया जाता है। फिर कुछ समय बाद एक और टेस्ट होता है। जिसमें काला पीलिया की शरीर में मात्रा देखी जाती है। यदि उसमें मात्रा अधिक है, तो मरीज का लंबा इलाज चलता है। जिसके बाद ही पूरी तरह से ठीक होता है।

"सिविल सर्जन डा. मनजीत सिंह ने बताया कि काला पीलिया ठीक होने वाली बीमारी है। इसका वायरस शरीर में छह माह तक रहता है। यदि उचित देखभाल व उपचार कराया जाए, तो यह ठीक हो सकता है। मरीज को बीच में इलाज नहीं छोड़ना चाहिए।"


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