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जातिगत वोटों को साधेगी भाजपा की 'रॉ' विग

इनका काम चुनाव का माहौल बिगाड़ने से नाराज कार्यकर्ताओं को रोकना और उन्हें पार्टी के हित में कार्य करने के लिए प्रेरित करना होगा। इस विग का नाम देश की केंद्रीय खुफिया एजेंसी रॉ के नाम पर ही रखा गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 10:20 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 06:31 AM (IST)
जातिगत वोटों को साधेगी भाजपा की 'रॉ' विग
जातिगत वोटों को साधेगी भाजपा की 'रॉ' विग

अरविन्द झा, पानीपत: टिकट बंटवारे में उपजे विरोध को दबाने के लिए भाजपा ने अपनी खुफिया तंत्र रॉ का गठन किया गया है। रॉ में शामिल पार्टी के समर्पित वर्कर जातिगत वोटों को साधकर प्रत्येक लोकसभा उम्मीदवार को जिताने का कार्य करेंगे। फिलहाल, दूसरे राजनीतिक दलों को मात देने में भाजपा की यह रणनीति कितनी असरदार साबित होगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर टिकट को लेकर मचा घमासान जारी है। दशकों से पार्टी से जुड़े वरिष्ठ कार्यकर्ता जिन्हें टिकट नहीं मिला या जो पार्टी से नाराज चल रहे हैं, उनके गुस्से को शांत करने के लिए भाजपा संगठन ने अलग से एक खुफिया विग का गठन किया है। इनका काम चुनाव का माहौल बिगाड़ने से नाराज कार्यकर्ताओं को रोकना और उन्हें पार्टी के हित में कार्य करने के लिए प्रेरित करना होगा। इस विग का नाम देश की केंद्रीय खुफिया एजेंसी रॉ के नाम पर ही रखा गया है। इसमें प्रत्येक जाति से 2-5 प्रभावशाली वर्कर शामिल किए गए हैं। इन वर्करों पर नजर रखने के लिए प्रत्येक विधानसभा में एक संयोजक लगाया गया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक करनाल लोकसभा के संयोजक जयपाल शर्मा हैं। दो लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों को मिलाकर एक प्रभारी नियुक्त किया गया है। की-वोटरों को मनाएंगे

सबसे खास बात यह है कि भाजपा के रॉ विग में शामिल वर्करों को वोटर को मनाने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। समाज में ये उस तरह के वोटर होते हैं जिनका चुनाव और मतदान से कुछ खास लेना-देना नहीं होता है। वर्कर इन वोटरों को पूरा मान सम्मान देकर पार्टी की मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास करेंगे। वोट प्रतिशत बढ़ाने में भी कुछ फायदा होगा। वर्करों को अनुशासन में रह अपनी ड्यूटी निभाने का निर्देश जारी कर दिया गया है। कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट हाईकमान को भी भेजी जाएगी। वोट के बिखराव को रोकेंगे

रॉ की टीम में उन कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है जो अपने क्षेत्र में किसी दूसरी जाति व समुदाय विशेष पर पकड़ रखते हैं। विरोध के स्वर से वोट के बिखराव को रोकने के लिए हाईकमान ने यह चाल रची है। विश्लेषकों के अनुसार लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका फायदा जरूर होगा।


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