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Lok Sabha 2019: वीआइपी करनाल की साख पर गब्बर की निगाहें, हाईकमान ने सुझाया नाम

भाजपा के सामने करनाल लोकसभा सीट को बचाने की अहम चुनौती है। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए हाईकमान ने करनाल लोकसभा सीट के लिए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का नाम सुझाया गया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 10:49 AM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 10:36 AM (IST)
Lok Sabha 2019: वीआइपी करनाल की साख पर गब्बर की निगाहें, हाईकमान ने सुझाया नाम
Lok Sabha 2019: वीआइपी करनाल की साख पर गब्बर की निगाहें, हाईकमान ने सुझाया नाम

पानीपत [अरविन्द झा]। लोकसभा चुनाव की आहट के बीच प्रदेश की वीआइपी मानी जाने वाली करनाल की सीट पर सबकी निगाहें हैंं। यहां से दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ राज्य मंत्रिमंडल के कदावर नेता भाग्य आजमाने की इच्छा जताते दिखाई दे रहे हैं। कई अन्य की भी चर्चा जोरों से चल रही है। भाजपा के सामने साख बचाने की बड़ी चुनौती है। सवाल बनी हुई है। पिछली बार चुनाव से ऐन पहले इसी सीट के कारण हजकां से गठबंधन टूट गया था। यहां से अश्विनी चोपड़ा सांसद हैं। उनकी ओर से चुनाव लडऩे से इन्कार किए जाने के बाद प्रदेश इकाई के कद्दावर, पुराने नेता और वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को भी मैदान में उतारे जाने के संकेत मिल रहे हैं।

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इस बार होने वाले 17वें संसदीय चुनाव के लिए सभी 10 सीटों पर जिताऊ उम्मीदवारों की सूची मांगी गई थी। भाजपा हाईकमान ने करनाल से अनिल विज का नाम सुझाया है। विज अभी अंबाला कैंट से विधायक हैं। अंबाला संसदीय सीट आरक्षित है। ईमानदार और बोल्ड छवि के होने से पार्टी में उनकी अलग पहचान है। कैंट से छह बार विधायक रह चुके हैं। जानकारों का कहना है कि विज तभी सहमत होंगे जब अंबाला कैंट से उनके किसी चहेते को विधानसभा के टिकट की गारंटी होगी।  

तीखे बयानों से चर्चा में 
पार्टी में अनुशासन के प्रति समर्पित अनिल विज अपने तीखे बयानों और कामकाज से चर्चा में रहते हैं। हालांकि इन्हीं के कारण सरकार की सिरदर्दी भी बढ़ चुकी है। वरिष्ठ आइएएस अधिकारी प्रदीप कासनी को केआरए में विज ने अधिक नंबर दिए थे। सरकार ने उन्हें कम नंबर दिए थे। विश्लेषकों का मानना है विज के लोकसभा में चले जाने से सरकार फीलगुड में रहेगी। रास्ते का कांटा निकालने के लिए सब उन्हें जिता भी देंगे।       

ये भी हैं दावेदार 
करनाल सीट पर पूर्व सांसद और मंत्री भी दावेदारी जता रहे हैं। पूर्व उद्योग मंत्री शीशपाल मेहता, पूर्व सांसद अरविंद शर्मा और शुगरफेड के चेयरमैन चंद्रप्रकाश कथूरिया भी चुनावी जंग में मोर्चा संभालने का मन बना रहे हैं। पूर्व सांसद की सिफारिश भाजपा में पैठ रखने वाले एक संत कर रहे हैं।   

कालिया-विज विवाद 
वर्ष 2015 में फतेहाबाद में कष्ट निवारण समिति की बैठक में एसपी संगीता कालिया से विवाद होने के बाद अफसरशाही वर्ग में विज की खूब चर्चाएं चलीं। अफसरों में उनका खौफ पैदा हो गया। सरकार ने कालिया का तबादला कर दिया। पानीपत में पिछले वर्ष संगीता कालिया एसपी बन कर आईं। कष्ट निवारण समिति की बैठक से तीन बार अनुपस्थित रहने पर विज ने तबादला करा दिया था।


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