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वार्डबंदी और मतदाताओं पर रार

वार्डबंदी और वोटों के विभाजन को गलत बताते हुए सत्ता और विपक्ष ने नगर निगम को घेर लिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 08:29 AM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 08:29 AM (IST)
वार्डबंदी और मतदाताओं पर रार
वार्डबंदी और मतदाताओं पर रार

जागरण संवाददाता, पानीपत : वार्डबंदी और वोटों के विभाजन को गलत बताते हुए सत्ता और विपक्ष के नेताओं ने नगर निगम को घेर लिया है। भाजपा के जिलाध्यक्ष प्रमोद विज पार्षदों के साथ डीसी से मिले। उन्होंने वार्डों में वोट निर्धारण को गलत ठहराते हुए इसमें बदलाव की मांग उठाई। अधिकारियों ने 10 दिन में मतदाता सूची को सही करने का भरोसा दिया। दूसरी तरफ मेयर सुरेश वर्मा समेत कांग्रेस समर्थित पार्षद वार्डबंदी और मतदाता सूची को गलत मानते हुए हाई कोर्ट में चले गए हैं। प्रमोद विज ने पार्षदों को साथ लेकर अधिकारियों से पौने घंटे की बैठक

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भाजपा के जिलाध्यक्ष प्रमोद विज वार्डों में मतदाता सूची निर्धारण को लेकर सोमवार को दोपहर करीब एक बजे लघु सचिवालय में डीसी सुमेधा कटारिया से मिले। उन्होंने कहा कि वार्डबंदी की तरह वार्डों की मतदाता सूची निर्धारित करने में भी गलती कर दी। मतदाता किसी वार्ड में रहता है, उसका वोट किसी और वार्ड में बना दिया। उनके साथ निवर्तमान पार्षद दुष्यंत भट्ट, लोकेश नांगरू, अशोक कटारिया और भाजपा नेता रवींद्र भाटिया, उपाध्यक्ष सुनील सोनी और पूर्व पार्षद रामकुमार सैनी मौजूद रहे। प्रमोद विज ने कहा कि वह नई वार्डबंदी में वार्डों की संख्या बढ़ाने के पक्ष में नहीं थे। प्रशासन ने अपनी मनमर्जी से वार्ड बढ़ा दिए। अधिकारियों की लापरवाही से शहरवासियों की परेशानी बढ़ गई। भाजपा ने वार्डबंदी को ठीक कराया तो अब मतदाता सूची गलत कर दी। इन सबसे जनता के मन में कई तरह के विचार आते हैं।

एक सितंबर तक मतदाता सूची तय करने का भरोसा

डीसी सुमेधा कटारिया ने कहा कि वार्डों में मतदाता सूची में आवश्यक बदलाव किया जाएगा। वार्ड के व्यक्ति का उसी वार्ड में वोट होना चाहिए। अधिकारियों की मानें तो 24 अगस्त तक रिवाइ¨जग अथॉरिटी एडीसी इसमें बदलाव करा सकते हैं। इसके बाद 31 अगस्त तक डीसी को अपनी आपत्ति दर्ज की जा सकती है। एक सितंबर को वार्डों की मतदाता सूची नए सिरे से जारी कर दी जाएगी। मेयर और कांग्रेसियों ने सरकार और प्रशासन दोनों को दिया झटका

मेयर सुरेश वर्मा, कांग्रेस समर्थित वार्ड-20 की निवर्तमान पार्षद सुखिवंद्र कौर और वार्ड-21 के निवर्तमान पार्षद बृजभूषण ढींगड़ा ने वार्डबंदी और मतदाता सूची के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। कांग्रेस समर्थित निवर्तमान पार्षद सुख¨वद्र कौर के नाम से याचिका दायर की है। प्रदेश सरकार को पार्टी बनाया है। सुख¨वद्र कौर ने 15 मार्च 2018 को प्रशासन द्वारा तय पहली वार्डबंदी और इसके बाद दोनों बदलाव का नक्शा लगाया है। सुख¨वद्र कौर ने कहा कि महाबीर कॉलोनी को नई वार्डबंदी में दो हिस्सों में बांट दिया। उनके वार्ड को रणनीति के तहत एससी आरक्षित कर दिया। बिश्नस्वरूप कॉलोनी से लेकर सेक्टर-6 और बाबरपुर मंडी तक चार किलोमीटर लंबा वार्ड बना दिया। मेयर सुरेश वर्मा का आरोप है कि पहली वार्डबंदी में वार्ड-6 सामान्य और वार्ड-7 बीसी आरक्षित किया था। अधिकारियों ने सरकार के दबाव में आकर वार्ड-6 और 7 को एससी आरक्षित कर दिया। ये हो सकता है : चुनाव को लग सकता है झटका

हाई कोर्ट में याचिका दायर करने से चुनाव को झटका लग सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि कांग्रेस समर्थित पार्षद रणनीति के तहत ऐन मौके पर हाई कोर्ट में गए हैं। उनको इसका वार्डबंदी में छेड़छाड़ करने के बाद से इंतजार था।


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