विदेशी पक्षियों को भी रास आने लगी अंबाला की आबोहवा, जमाया डेरा
लॉकडाउन की वजह से वातावरण में आया सुधार इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है। वाइल्ड लाइफ वॉर्डन बताते हैं कि पक्षियों का मुख्य ठिकाना पानी से घिरे स्थान होते हैं। सेक्टर-10 में स्टेडियम के सामने बने नहर आधारित योजना का हौज है। यहां काफी परिंदे रुके हैं।
अंबाला, जेएनएन । शहर की हवा सुधरी और गाड़ियों का शोर कम हुआ तो विदेशी परिंदों को माहौल भा गया। आमतौर पर अपने वतन की ओर उड़ान भर लेने वाले विदेशी पक्षी इस बार दिसंबर के पहले हफ्ते तक आसपास के इलाकों में डेरा जमाए हुए हैं। शहर में स्थित वाटर बॉडीज के पास विदेशी पक्षी देखे जा रहे हैं। प्रवासी पक्षी हर वर्ष अक्टूबर में पहुंचते हैं। तीन माह रहने के बाद ये परिंदे मार्च के पहले सप्ताह से वापसी शुरू करते हैं और अंतिम सप्ताह तक ज्यादातर विदेशी मेहमान लौट जाते हैं। लेकिन इस बार अब तक डेरा जमाए हैं। इसकी एक वजह थोड़े-थोड़े अंतराल पर हो रही बारिश भी है, जिसके कारण तापमान भी उतना नहीं बढ़ा है, प्रवासी पंक्षी आमतौर मार्च के अंत तक घर वापसी कर लेते हैं।
खिला-खिला सा दिखा नजारा
वाइल्ड लाइफ वॉर्डन चंडीगढ़ बताते हैं कि प्रवासी पक्षियों का मुख्य ठिकाना पानी से घिरे स्थान होते हैं। अंबाला के सेक्टर-10 में स्टेडियम के सामने बने नहर आधारित योजना का हौज है। यहां से अंबाला शहर में पानी की सप्लाई होती है और काफी परिंदे रुके हुए हैं। इसके पास के इलाके में सन्नाटा रहता है। लॉकडाउन के कारण वातावरण काफी सुधरा है, यह पक्षियों को रास आ रहा है। कुछ परिंदे ऐसे भी हैं जो देर से वापसी करते हैं।
आमतौर पर शुरू हो जाती थी गर्मी
अंबाला का तापमान इन दिनों 6 से 8 डिग्री के आसपास ही है। जबकि आमतौर इस वक्त ठंड शुरू हो जाया करती थी। ऐसे में परिंदे भी अनुकूल परिस्थितियां देख ठहरने लगे हैं। इन्हें देखने के लिए बच्चे अपने अभिभावकों के साथ आसपास पहुंचने लगे हैं।
लॉकडाउन में वातावरण में आया सुधार
वर्डडीटर फ्लाइ कैचर, वाइट टेल ईगल, वाइट स्ट्रोक, वाइट गॉडविट, ग्रे-लेग गूज, नॉदर्न शॉवलर सहित दो दर्जन से अधिक विदेशी पंक्षी को अंबाला की आबोहवा रास आने लगी है। लॉकडाउन की वजह से वातावरण में आया सुधार इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है।