Bhai Dooj 2021: भैया दूज पर बन रहा है ये खास योग, जानिए क्या है शुभ मुहूर्त और महत्व
रक्षाबंधन के बाद भैया दूज को भाई बहन के प्रेम का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। हालांकि इस रिश्ते को प्रदर्शित करने के लिए किसी विशेष दिन की आवश्यकता नहीं है लेकिन इस दिन को भावनात्मक दृष्टि से अति महत्व दिया गया है।
कैथल, जागरण संवाददाता। Bhai Dooj 2021: भैया दूज का पावन पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस बार यह पर्व अनुराधा नक्षत्र व शोभन योग में आया, जिसे सर्वाेत्तम माना जा रहा है। भैया दूज को लेकर भाइयों ने अपनी विवाहित बहनों के घर जाकर तिलक करवाया और बहनों ने अपने भाइयों की सलामती व लंबी उम्र की कामना की। ढांड रोड स्थित शिव शक्ति धाम मंदिर के संचालक पंडित प्रेमशंकर शास्त्री ने बताया कि भाई दूज पर्व पर बहनें अपने भाई को तिलक करती उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस पर्व पर बहनें सुबह के समय स्नान करने के बाद अपने ईष्ट देव, भगवान विष्णु या गणेश की पूजा करके भाइयों को तिलक करती हैं।
ये है शुभ मुहूर्त
भैया दूज के दिन यानि शनिवार को पूरा दिन तिलक करवाने के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं। दिन में 12 बजे से 12:40 बजे तक, 01:40 बजे से लेकर तीन बजे तक और शाम 05:40 बजे से लेकर शाम 07:55 बजे तक भी तिलक का शुभ समय है।
रक्षाबंधन के बाद भैया दूज को भाई बहन के प्रेम का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। हालांकि इस रिश्ते को प्रदर्शित करने के लिए किसी विशेष दिन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन इस दिन को भावनात्मक दृष्टि से अति महत्व दिया गया है।
बसों में भी रही भीड़
भैया दूज को लेकर शुक्रवार शाम से ही बसाें में यात्रियों की संख्या में वृदि्ध हो गई थी। भैया दूज पर शनिवार सुबह से ज्यादा भीड़ रही। हालांकि रक्षाबंधन की तरह ज्यादा मारामारी नहीं रही, जिसके चलते रोडवेज विभाग को अलग से कोई व्यवस्था करने की जरूरत नहीं पड़ी।
इधर सीवन में भी मनाया गया भाई दूज का पर्व
सीवन नगर में भाई दूज का त्योहार धूम धाम व हर्ष उल्लास से मनाया गया। बहनों ने अपने भाई को तिलक लगा कर उनकी सफलता, सेहत और मनोकामना पूरि्त की कामना की और भाइयों ने भी बहनों को आशीर्वाद दिया। सुबह से ही मिठाई की दुकानों में भी अच्छी खासी भीड़ भाड़ देखने को मिली। इसके साथ ही गिफ्ट आइटमों की खरीदारी भी अच्छी रही। श्री सनातन धर्म मंदिर के महंत पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भाई दूज के दिन शुभ मुहूर्त में ही बहनों को भाई के माथे पर टीका लगाना चाहिए।
मान्यता है कि भाई दूज के दिन पूजा करने के साथ ही व्रत कथा भी जरूर सुननी और पढ़नी चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि भाई बहन के आपसी प्यार का प्रतिक इस त्योहार पर बहन अपने भाई को तिलक कर उसकी लंबी आयु की कामना करे और भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन दे यही इस त्योहार का सही अर्थ है।