मैदान में जाने से पहले युजवेंद्र ने किया था कुछ ऐसा, अफ्रीकी बल्लेबाज न टिक सके
जींद के युजवेंद्र चहल ने मैदान में उतरने से पहले अपने माता पिता को फोन किया था। इसके बाद उसने विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर डाली।
जींद, [कर्मपाल गिल]। जींद के छोरे युजवेंद्र ने इंग्लैंड में जो कर दिखाया, शायद ही किसी नेे उसकी उम्मीद की हो। अपना पहला विश्वकप खेल रहे युजवेंद्र काफी उत्साहित थे। युजवेंद्र चहल मैदान में उतरने से पहले ड्रेसिंग रूम में कुछ देर रुके। उन्होंने हर बार की तरह अपने माता पिता को फोन लगाया और उनका आशीर्वाद लिया। इसके बाद साउथैंप्टन के मैदान पर साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों को टिकने न दिया और वल्र्ड रिकॉर्ड की बराबरी कर ली।
क्रिकेट विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत के पहले मैच में जींद का छोरा युजवेंद्र सिंह चहल छा गया। 28 साल के युजवेंद्र ने 51 रन देकर चार विकेट चटका कर भारत की तरफ से रिकॉर्ड बना डाला। जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शेन वार्न के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। अभी तक विश्व कप के इतिहास में अपने पहले मैच में सिर्फ आस्ट्रेलिया के शेन वार्न ने इसी ग्राउंड पर ही चार विकेट लिए थे।
पिता ने दैनिक जागरण से की बातचीत
इंग्लैंड में चल रहे विश्व कप में युजवेंद्र के शानदार प्रदर्शन के बाद पिता एडवोकेट केके चहल ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि जब भी बेटा देश या विदेश में किसी मैच में मैदान में उतरता है तो पहले घर फोन करके मां-बाप से आशीर्वाद लेता है। बुधवार को भी उसने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ग्राउंड पर उतरने से पहले घर फोन कर माता-पिता से बात करके आशीर्वाद लिया।
इंग्लैंड जाने से 10 दिन पहले घर आया था युजवेंद्र
पिता केके चहल ने बताया कि इंग्लैंड जाने से 10 दिन पहले युजवेंद्र घर पर आया था। तब उसने कहा था कि तैयारी अच्छी है और विश्व में शानदार प्रदर्शन रहेगा। बेटे ने उनकी उम्मीदों से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया। पिता ने यह भी कहा कि युजवेंद्र को एक विकेट और मिल जाती तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व कप के पहले मैच में पांच विकेट लेने का रिकार्ड बन जाता, लेकिन उन्हें खुशी इस बात की है कि युजवेंद्र ने टीम इंडिया को समय पर विकेट दिलवाई, जिससे दक्षिण अफ्रीका बड़ा स्कोर नहीं बना सका।
गेंद फेंकते समय खड़ी हो जाती थीं मां
युजवेंद्र की मां सुनीता और पिता केके चहल ने घर पर टीवी पर पूरा मैच देखा। दिन में तीन बजे मैच शुरू होने से दोनों सारे काम निपटाकर टीवी के आगे बैठ गए थे। बेटा युजवेंद्र जब भी ओवर करते समय क्रीज पर गेंद फेंकने के लिए तैयार होता तो मां सुनीता जोश में खड़ी हो जाती। विकेट मिलते ही वह जोश से उछल पड़ती तो पिता भी खुशी का भी ठिकाना नहीं था।
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