Fastag के जरिए ठगी, रहें सावधान, इस तरह लगा रहे चपत Panipat News
कालोनियों में कैंप लगा ठग फास्टैग बना रहे हैं। ऑफर का लालच देकर ठग गिरोह लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं।
पानीपत, जेएनएन। फास्टैग फांस बनता ही जा रहा है। व्यवस्था लागू होने के बाद अब मुफ्त में मिलने भी बंद हो गए हैं। साथ ही फास्टैग ठग गिरोह भी सक्रिय हो गए हैं। छह सौ में से तीन सौ रुपये की वैल्यू का लालच दे फास्टैग बनाने के 23 दिन बाद भी कार्ड चालू नहीं हो सका है। पीडि़त अब कार्ड चालू कराने के लिए टोल प्लाजा के चक्कर काट रहे हैं।
उधर, बिना फास्टैग वाले वाहनों की संख्या बढऩे पर मंगलवार को छह लेन से ऐसे वाहनों का निकाला गया। फास्टैग की निर्धारित तिथि बीतने के बाद कार्ड बना रही कंपनियों ने अपने-अपने हिसाब से सिक्योरिटी को बढ़ाकर 400 रुपये तक कर दिया है।
अधिकतर वाहनों पर फास्टैग नहीं
फास्टैग अनिवार्य होने के तीन दिन बाद भी टोल प्लाजा पर अधिकतर वाहनों पर टैग नहीं लगा है। दो दिन हंगामा होने के बाद मंगलवार को दिल्ली और करनाल की तरफ से आने वाले बिना फास्टैग के वाहनों के लिए तीन-तीन लेन रखी गई। टोल पर 20 में से लेन संख्या 11 और 14 खराब रही। मंगलवार को 13 लेन फास्टैग वाहनों को पास कराया गया। फास्टैग लेन खाली रही। कैश लेन में दिनभर वाहनों की लंबी कतार लगी रही। फास्टैग रीड न करने की स्थिति में इस लेन में कभी-कभी तीन से चार वाहन खड़े दिखाई दिए। ऐसे वाहनों को टोल कर्मियों ने दूसरी मशीन से स्कैन कर निकाला।
23 दिन बाद भी नहीं चालू हुआ
सेक्टर-18 के रवि सिंह ने बताया कि सेक्टर-13-17 में लगे कैंप में फास्टैग बनवाने के 23 दिन बाद भी उन्हें कार्ड नहीं मिला है। छह सौ रुपये में से तीन सौ की वैल्यू देने की बात कही और 24 घंटे में चालू होना बताया। एक सप्ताह बाद भी चालू न होने पर वह कैंप गए तो उन्हें वहां कोई नहीं मिला। जिन्होंने कार्ड बनाया था, वह अब फोन भी नहीं उठा रहे। दैनिक जागरण ने कार्ड बनाने वाले से संपर्क किया तो उसने कहा कि इस काम में ठग सक्रिय हो गए हैं। कुछ युवक कार्ड देकर रुपये ले रहे है, वह कार्ड फर्जी है। रवि ने टोल प्लाजा पर शिकायत दी है।
एक से दूसरे काउंटर पर चक्कर
कालखा गांव के सत्यवान और कुराना गांव के अमित ने बताया कि फास्टैग बनवाने के लिए टोलकर्मी एक से दूसरे काउंटर पर चक्कर कटा रहे हैं। काउंटर पर बैठे कर्मचारी केवल अपने बैंक खाताधारकों के ही फास्टैग बना रहे हैं, लेकिन सभी बैंकों की तरफ से काउंटर नहीं लगाए गए हैं। ऐसे में जिन बैंक के काउंटर नहीं है, उनके खाताधारकों को टोलकर्मी रास्ता नहीं बता रहे। कई बार चक्कर काटने के बाद भी फास्टैग नहीं बना है।
पांच सौ में मिल रही मात्र सौ रुपये सिक्योरिटी
निर्धारित तिथि बीतने के बाद लोगों को फास्टैग के लिए अधिक जेब ढीली करनी पड़ रही है। 15 दिसंबर तक न्यूनतम सिक्योरिटी रखी गई। पांच सौ में से मात्र सौ रुपये ही वैल्यू दी जा रही है। सबसे अधिक आइसीआइसीआइ बैंक ने सिक्योरिटी बढ़ाई है। जबकि बैंक ऑफ बडौदा 250 और आइडीएफसी 100 रुपये सिक्योरिटी ले रहा है। पेटीएम अभी भी सिक्योरिटी नहीं ले रहा है।