OLX के जरिए Google Pay app तक पहुंचा ठग, इस तरह लिंक भेज खाता किया खाली
OLX पर साइकिल खरीदने के नाम पर 21 हजार ठग लिए। ठग ने Google Pay app से रुपये निकाल लिए।
पानीपत, जेएनएन। साइबर क्राइम लगातार बढ़ता जा रहा है। जागरूकता की कमी लोगों को ठगी का शिकार बना रही है। इस बार ओएलएक्स के जरिए ठग गूगल पे एप तक पहुंचा और खाता खाली कर दिया।
ओएलएक्स वेबसाइट पर ठगी की वारदात बढ़ती जा रही हैं। अब फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिक को शिकार बना लिया गया। श्रमिक ने साइकिल बेचने के लिए ओएलएक्स पर डाली। ठग ने खुद को दुकानदार बता गूगल पे खाते का नंबर पूछा और 21 हजार 200 रुपये निकाल लिये।
इस तरह की ठगी
भारत नगर के अभिषेक पांचाल ने बताया कि उसका बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता है। उसे दोस्त ने बताया कि साइकिल बेचनी है तो ओएलएक्स पर फोटो अपलोड कर देे। अच्छी कीमत में बिक जाएगी। उसने बृहस्पतिवार सुबह नौ बजे ओएलएक्स पर साइकिल की फोटो अपलोड कर दी। कीमत 2600 रुपये तय की।
लिंक खोला तो खाता खाली
9:30 बजे एक व्यक्ति ने फोन कर बताया कि वह पानीपत के किशनपुरा से दुकानदार रङ्क्षवद्र बोल रहा है। उसे साइकिल पसंद है। घर से साइकिल लड़का ले जाएगा। उसे गूगल पे का स्कैन कोड भेज रहा हूं। उसने ङ्क्षलक खोला तो खाते से दो बार में 21 हजार 200 रुपये निकाल लिये। उसे धोखाधड़ी का पता चला तो ठग को कॉल की। ठग ने धमकी दी। ठग का मोबाइल नंबर चालू है।
ठग का फर्जी आइडी
पुलिसकर्मी ने बताया कि ठग का फर्जी आइडी से नंबर है। उसे पकडऩा मुश्किल है। थाना मॉडल टाउन प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि मामला दर्ज करके ठग की तलाश की जा रही है। इस बारे में डीएसपी मुख्यालय सतीस कुमार वत्स ने बताया कि लोग ऑनलाइन खाते नंबर व अन्य जानकारी शेयर कर लेते हैं। इसी वजह से उनके साथ ठगी हो जाती है। साइबर सेल ठगों का पता लगाने में जुटी है।
- ये हो चुके हैं ओएलएक्स पर ठगी के मामले
- 15 जनवरी को गांव सुताना निवासी किसान प्रवीन कुमार के साथ ठग ने खुद को फौजी बता आर्मी के कार्ड भेजकर इसी तरह से 60 हजार की ठगी की।
- 15 अप्रैल को एकता विहार कॉलोनी निवासी प्रीतम ङ्क्षसह के साथ आरोपी ने बुलेट बेचने के लिए आर्मी के दस्तावेज भेजकर 48 हजार 520 रुपये ठगे।
- 20 अप्रैल को असंध रोड लतीफ गार्डन के पास स्थित निवासी मनजीत कुमार के साथ ऑल्टो कार बेचने के नाम पर आर्मी के दस्तावेजों का सहारा लेकर 81 हजार रुपये की ठगी की।
- यह भी जानिये
- बैंक ग्राहकों को कैश बैक और अवॉर्ड का दिया गया लालच।
- कई मामलों में ई-मेल और अकाउंट हैक कर निकाली रकम।
- एफआइआर दर्ज कराने को पीडि़तों को काटने पड़ते चक्कर।
- एफआइआर में देरी होने पर बैंक झाड़ लेता है पल्ला।