बसताड़ा लाठीचार्ज प्रकरण: पंचकूला में दर्ज होंगे आइएएस आयुष सिन्हा व अन्य अफसरों के बयान
करनाल बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज मामले में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम चढूनी बलबीर राजेवाल सहित 60 से अधिक लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं। अब आइएएस आयुष सिन्हा और अन्य अफसरों के बयान पंचकूला में दर्ज होंगे।
करनाल, जागरण संवाददाता। करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर गत 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज प्रकरण को लेकर जांच कर रहे एक सदस्यीय न्यायिक आयोग द्वारा यहां रेस्ट हाउस में स्थापित की गई विशेष कोर्ट में बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुक्रवार को भी जारी रही। सात आंदोलनकारियों को बुलाया गया था, लेकिन छह आंदोलनकारी बयान दर्ज कराने पहुंचे। जबकि बाकी रहे आंदोलनकारियों को एक दिसंबर को भी यहीं पर बयान दर्ज कराने के लिए मौका दिया जा सकता है। हालांकि इसके लिए अभी आयोग की ओर से इन्हें बुलाने की कार्रवाई नहीं की गई है।
वहीं आयोग अब अपना अधिकतर कार्य पंचकूला से ही करेगा। सिर फोड़ देने से संबंधित वायरल हुए वीडियो के बाद चर्चा में आए तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा के अलावा आइजी ममता सिंह, जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव व पुलिस अधीक्षक गंगा राम पूनिया सहित अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के बयान वहीं दर्ज किए जाएंगे। घायल पुलिस कर्मियों को भी बयान दर्ज करने के लिए पंचकुला ही बुलाया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि ये बयान अगले सप्ताह ही दर्ज किए जा सकते हैं।
बता दें कि अभी तक आयोग प्रशासन की ओर से मिली सूची में से प्रकरण के दौरान शामिल रहे करीब 60 लोगों सहित भाकियू चढूनी गुट के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के दो बार बयान दर्ज हो चुके हैं तो वहीं पंजाब के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, कुलवंत सिंह व कई अन्य किसान नेताओं के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। वहीं पुलिस प्रशासन की ओर से गठित एसआईटी इंचार्ज एवं घरौंडा डीएसपी जय सिंह के अलावा एसडीएम पूजा भारती तथा लाठीचार्ज में घायल हुए आंदोलनकारियों व पुलिसकर्मियों का उपचार करने वाले 10 से अधिक चिकित्सकों के भी बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
दिसंबर में पूरी हो जाएगी कार्रवाई
आयोग के चेयरमैन न्यायाधीश एसएन अग्रवाल के मुताबिक बयान दर्ज करने की प्रक्रिया दिसंबर माह में पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट फाइनल करने में एक माह का अतिरिक्त समय लगेगा। ऐसे में आयोग का पूरा कार्य निपटने में चार माह का समय लग सकता है। हालांकि, अभी प्रदेश सरकार ने आयोग का कार्यकाल दो माह बढ़ाया है लेकिन एक माह और देने की मांग को लेकर आयोग पत्र भेजा जाएगा।
25 अक्टूबर को शुरू हुई थी कार्रवाई
पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में आयोग की कार्रवाई को लेकर विशेष कोर्ट स्थापित की गई थी, जहां आयोग ने 25 अक्टूबर को ब्यान दर्ज करने शुरू किए थे। पहले दिन करीब तीन घंटे तक यह कार्रवाई चली थी, जिस दौरान गांव मूनक के छह आंदोलनकारियों के बयान दर्ज किए गए थे जबकि इस दिन एक आंदोलनकारी सहजपाल बयान दर्ज कराने नहीं पहुंच सके थे। न्यायाधीश एसएन अग्रवाल के मुताबिक एसआईटी की ओर से उनके पास लाठीचार्ज में घायल हुए 29 लोगों के अलावा 25 पुलिस कर्मियों की भी सूची पहुंची थी। इनमें अधिकतर के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। शुक्रवार को भी सुखविंद्र सिंह, बुटा सिंह, कश्मीर सिंह, जगतार सिंह, राजबीर व रघबीर सिंह आदि बयान दर्ज कराने पहुंचे थे।