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महिला वकील के एनरोलमेंट पर वकालत, काउंसिल ने कई को किया तलब Panipat News

जिला बार एसोसिएशन में पंजीकरण के मामले में बार काउंसिल ने सख्त रुख एख्तियार किया है। काउंसिल ने कई वकीलों को तलब कर लिया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 12:08 PM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 12:08 PM (IST)
महिला वकील के एनरोलमेंट पर वकालत, काउंसिल ने कई को किया तलब Panipat News
महिला वकील के एनरोलमेंट पर वकालत, काउंसिल ने कई को किया तलब Panipat News

पानीपत, जेएनएन।  पंजाब के जिला मोंगा वासी महिला वकील रविंद्र कौर के एनरोलमेंट सर्टिफिकेट पर एक युवक द्वारा जिला बार एसोसिएशन, पानीपत का सदस्य बनने, वकालत करने मामला सामने में आया है। बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा इस मामले में बार प्रधान एडवोकेट शेर सिंह खर्ब, दो पूर्व प्रधान,पूर्व में चुनाव रिटर्निंग अधिकारी रहे वकील सहित लाइब्रेरियन को भी पक्ष रखने के लिए बुला चुकी है। 

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गांव बांध वासी अशोक कुमार ने पुलिस, जिला बार एसोसिएशन पानीपत और स्टेट बार काउंसिल में शिकायत देते हुए आरोप लगाया कि युवक ने वर्ष 2014 में जालसाजी करते हुए पंजाब की महिला वकील के एनरोलमेंट सर्टिफिकेट पर अपना व पिता का नाम लिखकर फोटो चस्पा कर दिया। इसी के आधार पर जिला बार एसोसिएशन में पंजीकरण कराया। बार के कई चुनाव में वोटिंग भी की। वर्ष 2016 में छपी बार की टेलीफोन डायरेक्टरी में भी उसका नाम नंबर है। फेज टू में बने नए चैंबरों में एक चैंबर लेने के लिए उसने 2500 रुपये जमा भी किए थे। हर साल फीस जमा कर पंजीकरण का नवीनीकरण कराया गया। आरोप तो यह भी है कि उसने कुछ केसों में अपना वकालतनामा भी लगाया हुआ है। 

शिकायत पर जांच करते हुए स्टेट बार काउंसिल अगस्त में बार के प्रधान शेर सिंह खर्ब, पूर्व प्रधान राजेश शर्मा और निर्मल सिंह गुर्जर सहित लाइब्रेरियन बलवान को भी पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था। पूर्व में बार चुनाव में रिटर्निंग अधिकारी रहे वकील भी अपना पक्ष रखकर आए हैं। 

स्टेट बार काउंसिल एनरोलमेंट सर्टिफिकेट जारी करती है। उसी के आधार पर बार में नए वकील का पंजीकरण किया गया था। फर्जी कागजात पर रजिस्ट्रेशन कराया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। 

एडवोकेट सत्येद्र सिंह, पूर्व प्रधान 

युवक पहले से बार का सदस्य था। इसी आधार पर बार चुनाव के लिए वोटर लिस्ट और टेलीफोन डायरेक्टरी में उसका नाम शामिल किया गया का। यही बात स्टेट काउंसिल को बताई है। 

एडवोकेट राजेश शर्मा, पूर्व प्रधान

मैं वर्ष 2017 में प्रधान चुना गया था। वोङ्क्षटग लिस्ट में आरोपित युवक का नाम था, वह पहले से वकालत कर रहा था। मतदान किया इसकी जानकारी नहीं है। 

एडवोकेट निर्मल सिंह गुर्जर, पूर्व प्रधान 

अशोक कुमार की शिकायत पर जांच करते हुए पुलिस इस केस को दफ्तर दाखिल भी कर चुकी है। मेरे कार्यकाल में उसका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ और न ही उसने बार चुनावों में मतदान किया है। 

एडवोकेट शेर सिंह खर्ब, प्रधान-बार एसोसिएशन पानीपत 


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