पानीपत सहित एनसीआर में अधिक प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन पर लगी रोक, सीएक्यूएम ने जारी की लिस्ट
पानीपत सहित एनसीआर में अधिक प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन पर रोक लगी है। कोयला एलडीओ (लाइट डीजल आयल) और नेफ्था के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। सीएक्यूएम ने स्वीकृत ईंधनों की लिस्ट जारी की है।
पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत सहित एनसीआर में अधिक प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन के इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। इसके मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने वाहनों, औद्योगिक इकाइयों, विभिन्न तरह के व्यावसायिक व धार्मिक कार्यों तथा घरेलू जरूरतों के इस्तेमाल के लिए ऐसे ईंधन की सूची तैयार की है, जिससे प्रदूषण को कम किया जा सकेगा। आयोग ने इस सूची को स्वीकृति देकर राज्य सरकारों से इसका पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
एनसीआर की आबोहवा खराब होने का बड़ा कारण प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन का इस्तेमाल है। एनसीआर में औद्योगिक इकाइयों में ऐसे ईंधन का इकोयला, एलडीओ (लाइट डीजल आयल) और नेफ्था के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोकस्तेमाल अधिक होता है। इस पर आयोग ने चिंता जताई है। इसलिए पूरे एनसीआर के औद्योगिक इकाइयों को पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) का इस्तेमाल सुनिश्चित करना होगा।
एक अक्टूबर से किया जाएगा लागू
आयोग के निर्देश के अनुसार जिन जगहों पर पीएनजी की आपूर्ति होती है, वहां एक अक्टूबर से इसे लागू कर दिया जाएगा। जिन जगहों पर अभी पीएनजी की आपूर्ति के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा नहीं है, वहां इसे अगले साल एक जनवरी से लागू किया जाएगा। इस तरह एक जनवरी से पूरे एनसीआर में स्वीकृत सूची के अनुसार ईंधन का इस्तेमाल सुनिश्चित करना होगा। इसके तहत आयोग ने एनसीआर में कोयला, एलडीओ (लाइट डीजल आयल) और नेफ्था के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी है। यह आदेश भी अगले साल एक जनवरी से लागू होगा। कम सल्फर वाले कोयले के इस्तेमाल का इस्तेमाल सिर्फ थर्मल पावर प्लांट में किया जा सकेगा।
विभिन्न कार्यों के लिए सीएक्यूएम से स्वीकृत ईंधन
पेट्रोल: वाहनों के लिए (बीएस-6, सल्फर 10 पार्ट पर मिलियन तक)
डीजल: वाहनों के लिए (बीएस-6, सल्फर 10 पार्ट पर मिलियन तक)
हाइड्रोजन/मिथेन: वाहनों व औद्योगिक इकाइयों में इस्तेमाल
प्राकृतिक गैस (सीएनसी/पीएनजी/एलएनजी): वाहन, औद्योगिक इकाइयों व घरेलू जरूरत के लिए इस्तेमाल।
लिक्विड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी)/प्रोपेन/ब्यूटेन: वाहन, औद्योगिक इकाइयों व घरेलू जरूरत के लिए इस्तेमाल।
बिजली: वाहन, औद्योगिक, व्यावसायिक व घरेलू जरूरत के लिए इस्तेमाल
बायोफ्यूल (बायो-अल्कोहल, बायो डीजल, बायो गैस, कंप्रेस्ड बायोगैस, बायो-सीएनजी): उद्योग, वाहन व घरेलू इस्तेमाल जहां जरूरी हो।
आरडीएफ (रिफ्यूज डिराइव्ड फ्यूल जो कूड़े व फसलों के अवशेष से तैयार किया जाता है) : पावर प्लांट, सीमेंट प्लांट व कूड़े से बिजली बनाने के संयंत्र
लकड़ी/बायोमास ब्रिकेट : धार्मिक कार्य
लकड़ी/बांस का कोयला : तंदूर, ढाबा, होटल, रेस्तराओं में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन धुआं नियंत्रण करने का सिस्टम होना जरूरी है
लकड़ी का कोयला : कपड़े में इस्त्री करने के लिए।
प्रदूषण न फैलाने वाले ईंधन का होगा प्रयोग
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कमलजीत सिंह ने बताया कि सभी उद्योगों में प्रदूषण न फैलाने वाले ईंधन के प्रयोग को सुनिश्चित किया जा रहा है। सीएक्यूएम के दिशा निर्देश के मुताबिक ईंधन प्रयोग होगा।