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मैं किसे पुकारूं मां, किसके लिए गूंजें किलकारियां

महीपाल जोगी, इसराना मैं किसे पुकारूं मां। किसके लिए किलकारियां गूंजेंगी। किसकी अंगुली

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 07:45 AM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 07:45 AM (IST)
मैं किसे पुकारूं मां, किसके लिए गूंजें किलकारियां
मैं किसे पुकारूं मां, किसके लिए गूंजें किलकारियां

महीपाल जोगी, इसराना

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मैं किसे पुकारूं मां। किसके लिए किलकारियां गूंजेंगी। किसकी अंगुली थामकर कदम बढ़ाऊंगी। कौन मुझे दिलाएगा खिलौने। मां तुम्हारे साथ जुल्म हुआ। पर मुझे भी तो कोई साथ कहां मिला। दूध के लिए मैं रोती रही। तुम मुझसे नजरें फेरकर चली गई।

ये दास्तां है उस एक दिन की बच्ची की, जिसे न चाहते हुए भी अविवाहित दलित युवती ने जन्म दिया। उसके साथ दुष्कर्म हुआ था। दुष्कर्मी तो जेल में है। गर्भवती युवती को करनाल नारी निकेतन में रखा गया। एक दिन पहले उसने बच्ची को जन्म दिया। अपने साथ हुए जुल्म से मानसिक रूप से टूट चुकी युवती ने अपनी कोख से जन्मी बच्ची को देखने का साहस नहीं जुटा सकी। इससे पहले कि उसके प्रति ममता जागती, वह उसे छोड़कर अपने मां-पिता के साथ गांव लौट आई है। वो चाहती है, कोई उस बच्ची को गोद ले ले। दबंग ने किया था दुष्कर्म : थाना इसराना क्षेत्र के एक गांव में दलित युवती दूसरे के घर में झाड़ू लगाने का काम करती थी। वहां रहने वाले दबंग ने उसे नशीला पदार्थ खिलाया और उसका अश्लील वीडियो बना लिया। ब्लैकमेल करते हुए उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। जब वह गर्भवती हुई तो उसने मां को सब बताया। उसकी मां की शिकायत पर इसराना थाना पुलिस ने केस दर्ज किया और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। युवती के परिजन उसे नारी निकेतन करनाल छोड़ आए। जब पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया तो उसके मा-बाप और पीड़ित के लिए चिंता बन गई कि वे नवजात को किसका नाम देंगे। उसका पिता कौन होगा। बच्ची को जन्म देने के बाद से युवती का रो-रोकर बुरा हाल था। उसके मां-बाप ने बताया कि उनकी इज्जत ही सुरक्षित नहीं है तो हम इसका क्या करेंगे। बच्ची को हमने करनाल नारी निकेतन में ही छोड़ दिया है। तब काट दिया था बच्चा

बता दें कि इसी गांव में 15 साल पहले गांव के एक युवक ने अपने 12 दिन के नवजात को काट दिया था। वह उसे अवैध संतान मानता था। उस समय महिला ने अपने पति के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। अलग तरह का है मामला

इसराना के तहसीलदार संजीव कुमार ने बताया है कि जन्म लेने के बाद बच्चा मां-बाप के साथ राष्ट्र की धरोहर हो जाता है। अगर कोई बच्चे को गोद देना चाहे तो वह दोनों पक्षों की आपसी सहमति से ही दे सकता है। पर यह मामला अलग तरह का है। इसमें एक अविवाहित ने बच्ची को जन्म दिया है। अगर वह बच्ची को अपने पास नहीं रखना चाहती तो इसके पालन पोषण की जिम्मेवारी संबंधित विभाग की होगी, जब तक कि कोई उसको गोद न ले ले।


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