आयुष्मान योजना ने बचाई मजदूर की जान, मूत्राशय कैंसर की सर्जरी
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत-2018) जरूरतमंद तबके के मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। योजना के तहत आयुष्मान के पैनल में शामिल प्रेम अस्पताल में एक फैक्ट्री मजदूर के मूत्राशय की सर्जरी हुई है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत-2018) जरूरतमंद तबके के मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। योजना के तहत आयुष्मान के पैनल में शामिल प्रेम अस्पताल में एक फैक्ट्री मजदूर के मूत्राशय की सर्जरी हुई है। मूत्राशय में ट्यूमर था। निजी अस्पताल में इस सर्जरी का खर्च ढाई से तीन लाख रुपये बताया गया है।
धूप ¨सह नगर निवासी मरीज प्रदीप की पत्नी सुनीता ने बताया कि उनके चार बेटियां और एक बेटा है। दो बेटियों की शादी हो गई है। प्रदीप किसी फैक्ट्री में काम करते 8-10 हजार रुपये मासिक कमाते हैं। 50 वर्ग गज का मकान है, जो इस समय सड़क से काफी नीचे चला गया है। जैसे-तैसे परिवार का गुजारा चल रहा था कि पति को पेशाब के साथ खून आने लगा। धन और जागरूकता के अभाव में वह किसी डॉक्टर से परामर्श नहीं ले सके। इसी दौरान, उनके परिवार का आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्ड कार्ड बन गया।
सुनीता ने नम आंखों से कहा कि कार्ड नहीं होता तो घर बेचकर भी पति की जान नहीं बचा सकती थी। उधर, सर्जरी करने वाले यूरोलॉजिस्ट रविश राठी ने बताया कि अल्ट्रासाउंड और सिटी स्कैन की रिपोर्ट से मूत्राशय में कैंसर के लक्षण दिखे। तीसरी स्टेज में था कैंसर
कैंसर की पुष्टि के लिए प्रेम अस्पताल सहित दिल्ली के एक अस्पताल में जांच कराई गई। रिपोर्ट से पता चला कि कैंसर तीसरी श्रेणी पार कर चुका है। मूत्राशय निकाले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। मरीज को इस स्टेज पर भी इलाज नहीं मिलता को कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंच जाता। ऐसी स्थिति में मरीज की जान को खतरा बन जाता। आर्टिफिशियल मूत्राशय लगाया :
डॉ. राठी ने बताया कि आंतों को जोड़कर, अलग से मूत्र मार्ग बनाया गया। पेट के निचले हिस्से में एक आर्टिफिशियल मूत्राशय लगाया गया है। मरीज पूर्णत: स्वस्थ है। पंद्रह दिनों में सामान्य ¨जदगी जीने लगेगा। जानकारी देते समय रेडिएशन थैरेपिस्ट डॉ. अभिनव मुटनेजा भी साथ रहे। आर्टिफिशियल मूत्राशय की केयर जरूरी :
डॉ. राठी ने बताया कि मूत्राशय निकाले जाने पर मरीज की सेक्स लाइफ पर कोई फर्क नहीं पड़ता। आर्टिफिशियल मूत्राशय की एक लिमिट है, भरने से पहले उसे खाली करना होगा। मरीज को खुद इसका ध्यान रखना होगा। शुरुआत में 8-10 दिनों में इस बैग को बदलवाना पड़ सकता है। इसका बाजार मूल्य 300 से 500 रुपये तक है।