Ayushman Bharat Yojana: ईद-उल-फितर पर मिली जिंदगी की ईदी, सरकार का किया धन्यवाद
ईद-उल-फितर का चांद वाले दिन प पानीपत के इकराम को नई जिदंगी मिली। यह सब कुछ केंद्र सरकार की योजना आयुष्मान भारत की वजह से मुनासिब हो सका।
पानीपत, [राज सिंह]। ईद-उल-फितर का चांद दिखा, ठीक उसी दिन मेरा गुर्दे की पथरी का ऑपरेशन हुआ। केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना नहीं होती तो दर्द से तड़पता रहता। मुझे और परिवार को तो जैसे सरकार ने ईद का तोहफा ही दे दिया है। गरीब आदमी सिर की छत बेचकर इलाज की सोचता है। मेरा घर भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना, जिसे मैं बेच भी नहीं सकता था तो सर्जरी कैसे कराता। सनौली रोड स्थित आइबीएम हॉस्पिटल के बेड पर लेटे 57 वर्षीय इकराम ने खुशी जाहिर करते हुए ये बातें कहीं।
इकराम ने बताया कि उत्तर प्रदेश, जिला शामली के कस्बा कांधला स्थित खैर मुहल्ले का वासी है। चिनाई मजदूर करते हैं, आठ बच्चे हैं इनमें तीन लड़कियां हैं। बच्चों की ठीक से पढ़ाई-लिखाई तो दूर, भरण पोषण भी मुश्किल हो रहा था। करीब छह माह पहले अचानक पेट में दर्द रहने लगा। पहले तो दर्द निवारक दवा लेता रहा। दवा का असर होना बंद हुआ तो कस्बे के एक डॉक्टर से चेकअप कराया।
घर भी नहीं बेच सकता था
अल्ट्रासाउंड से पता चला कि बड़े साइज की पथरी है, ऑपरेशन ही विकल्प है। ऑपरेशन का खर्च 50 हजार से अधिक बताया। घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना था, इसलिए उसे बेच नहीं सकता था। मजदूर को इतना कर्ज भी कौन देता। खुदा का शुक्र है कि आयुष्मान भारत योजना में नाम आ गया। मुहल्ले के कुछ हिंदू युवाओं ने भागदौड़ कर गोल्डन कार्ड बनवाया। ऑपरेशन हो चुका है, परिवार और रिश्तेदार खुश हैं।
मैं केवल अपने जिले की बात ही करूं तो आयुष्मान भारत स्कीम के करीब 73 हजार पात्र हैं। ये ऐसे परिवार हैं जिनके लिए महंगा तो छोड़िए 50 हजार से एक लाख रुपये इलाज में खर्च करना असंभव है। योजना बहुत लाभप्रद साबित हो रही है। ओपीडी, जांचें और इलाज के बाद दवा का कुछ खर्च को योजना में शामिल कर लिए जाए तो जरूरतमंद तबका अधिक लाभान्वित होगा।
-डॉ. गौरव श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष- आइएमए, पानीपत
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