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Ayodhya Bhumi Pujan News: 60 गांव में कोने-कोने तक गई श्रीराम चरणपादुका, अब अंबाला के इस मंदिर में रखी

श्रीराम चरणपादुका को देश के कोने-कोने तक श्रीराम चरणपादुका भेजी गई थी। पूजन के बाद श्रीराम चरणपादुकाओं को मंदिरों में स्थापित की गई थी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 02:02 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 02:02 PM (IST)
Ayodhya Bhumi Pujan News: 60 गांव में कोने-कोने तक गई श्रीराम चरणपादुका, अब अंबाला के इस मंदिर में रखी
Ayodhya Bhumi Pujan News: 60 गांव में कोने-कोने तक गई श्रीराम चरणपादुका, अब अंबाला के इस मंदिर में रखी

पानीपत/अंबाला, [अवतार चहल]। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिये श्रीराम चरणपादुका का संकल्प ले लिया गया था। दिसंबर 1992 की कार सेवा से पहले श्रीराम चरणपादुका पूजन का कार्यक्रम चलाया गया था। जिसके तहत तय हुआ था कि 60 गांवों पर एक श्रीराम चरणपादुका भेजी जाएगी। जिसकी देशभर में विजयादशमी से लेकर दीपावली तक पूजन किया जाएगा और बाद में इन्हें किसी एक मंदिर में स्थापित किया जाएगा। 

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इतिहास शोधार्थी अभिनव गुप्त ने बताया कि अयोध्या के कारसेवक पुरम से सितंबर 1992 को श्रीराम चरणपादुका के लिये पत्र जारी कर दिया गया था। जिसमें 28 सितंबर 1992 को नंदीग्राम में 12 हजार चरणपादुका के पूजन और इन चरणपादुकाओं को देश के कोने-कोने में पहुंचाना था। बाद में 60 गांवों में एक चरणपादुका दी गई थी। इसी के तहत अंबाला शहर के सेक्टर सात स्थित प्राचीन नीलकंठ मंदिर में भी श्रीराम चरणपादुका का पहुंची थी, जो आज भी मंदिर में सहेज कर रखी हुई है। उन्होंने बताया कि श्रीराम जन्म भूमि मंदिर के शिलान्यास से लेकर 6 दिसंबर 1992 बाबरी ङ्क्षवध्वस तक और उसके बाद विभिन्न समय चले मंदिर निर्माण आंदोलन से संबधित विभिन्न कार्यक्रमों से जुड़े पत्रक, पुस्तकों तथा अन्य दस्तावेज सहेज कर रखे हुये हैं। भविष्य में यदि कोई इतने लंबे समय तक चले श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के इतिहास पर शोध करना चाहेगा तो यह दस्तावेज महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन करेंगे। 

10 कार सेवकों की थी भर्ती

कार्यक्रम के दस्तावेजों में स्पष्ट किया गया था कि श्रीराम चरणपादुका पूजन कार्यक्रम के दौरान प्रत्येक स्थान पर जनता से श्रीराम मंदिर के लिये संकल्प करवाया जाना है। एक ग्राम से अथवा नगर के एक मोहल्ले से 10 कार सेवकों की भर्ती होगी। अपने ग्राम, मोहल्लों की सीमा पर स्वागत, शोभा यात्रा, जनसभा, पादुकाओं का पूजन भेंट, कारसेवकों की भर्ती, जनता से संकल्प और अगले ग्राम की सीमा तक विदाई जरूर करें। 

संकल्प पत्र पर लिखा था चरणपादुका पूजन गीत

संकल्प पत्र पर चरणपादुका गीत भी लिखा गया था, भरत बन रहे भारत वासी, राम राज्य फिर लाना है। चरणपादुका पूजन करके नई चेतना लाना है।, के इस तरह बोल थे। चरणपादुका पर कई चित्र भी अंकित हैं, जिस पर तीर, गद्या, तीरकमान, शंख, वट वृक्ष समेत आदि हैं।  


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