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Suicide: करनाल में असिस्टेंट प्रोफेसर ने किया सुसाइड, कालेज में ही फंदा लगाकर दे दी जान

प्रोफेसर द्वारा आत्महत्या के पीछे रहे कारण स्पष्ट नहीं हो पाए लेकिन बताया जा रहा है कि वे कुछ मानसिक तौर पर परेशान से रहते थे। उनके साले राजेश ने भी बताया कि शायद इसी परेशानी के चलते ही उन्होंने यह कदम उठा लिया।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 30 Oct 2021 08:21 PM (IST)Updated: Sat, 30 Oct 2021 08:21 PM (IST)
Suicide: करनाल में असिस्टेंट प्रोफेसर ने किया सुसाइड, कालेज में ही फंदा लगाकर दे दी जान
अंग्रेजी के प्रोफेसर अमृत लाल का फाइल फोटो।

करनाल(इंद्री), संवाद सहयोगी। शहीद उधमसिंह राजकीय कालेज के अंग्रेजी के असिस्टेंट प्रोफेसर ने कालेज में ही फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। जिससे सनसनी फैल गई। सूचना मिलने पर पुलिस व सीन आफ क्राइम टीम मौके पर पहुंची तो शव कब्जे में लिया गया, जिसे कल्पना चावला राजकीय अस्पताल स्थित मोर्चरी हाउस में रख दिया गया। शव का रविवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा। सूचना मिलते ही परिवार में मातम पसर गया।

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कुरुक्षेत्र के सेक्टर सात में किराए के मकान में रहता था मृतक

जानकारी अनुसार मूल रूप से कैथल के गांव सजूमा के रहने वाले करीब 40 वर्षीय अमृत लाल फिलहाल कुरुक्षेत्र के सेक्टर सात में किराए के मकान में रह रहे थे।  वे कुरुक्षेत्र के ही अन्य प्रोफेसर के साथ कालेज में आते-जाते थे। शनिवार को भी हर रोज की तरह सभी प्रोफेसर कालेज पहुंचे और पढ़ाई व अन्य कामकाज सामान्य रूप से चलता रहा। करीब ढाई बजे छुट्टी के करीब डेढ़ घंटे बाद अन्य प्रोफेसर वापस घर लौटने के लिए गाड़ी के पास पहुंच गए, लेकिन जब अमृत लाल नहीं पहुंचे तो उनकी तलाश की गई। इसी दौरान देखा कि वे विज्ञान संकाय की पहली मंजिल पर एक कमरे में फंदे पर लटके थे जबकि कमरे की अंदर से कुंडी लगी थी। इससे पूरे स्टाफ में हड़कंप मच गया और तत्काल ही पुलिस को सूचना दी। एसएचओ सचिन कुमार टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो स्वजन भी पहुंच गए। जिसके बाद शव फंदे से उतारा गया।

मानसिक तौर पर रहता था परेशान

हालांकि देर रात तक प्रोफेसर द्वारा आत्महत्या के पीछे रहे कारण स्पष्ट नहीं हो पाए, लेकिन बताया जा रहा है कि वे कुछ मानसिक तौर पर परेशान से रहते थे। उनके साले राजेश ने भी बताया कि शायद इसी परेशानी के चलते ही उन्होंने यह कदम उठा लिया। उधर एसएचओ सचिन कुमार का कहना है कि मृतक प्रोफेसर से न कोई सुसाइड नोट मिला है और न ही अभी कोई स्पष्ट कारण सामने आए हैं। अभी पूरे मामले की जांच की जा रही है।


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