भूपेंद्र था सबसे बड़ा अवैध शराब का सप्लायर
जागरण संवाददाता पानीपत डिस्टलरी और एनवी ग्रुप के मालिक अशोक कुमार जैन और शराब तस्क
जागरण संवाददाता, पानीपत : डिस्टलरी और एनवी ग्रुप के मालिक अशोक कुमार जैन और शराब तस्कर सोनीपत के सिसाना भूपेंद्र सिंह को सीएआइए-वन में आमने-सामने पूछताछ की। डीएसपी क्राइम राजेश फोगाट और इकोनोमिक्स सेल के इंचार्ज दीदार सिंह ने दोनों आरोपितों से पांच घंटे तक उनके शराब के खरीदने व बेचने की कमाई के बारे में पूछा। पूछताछ में सामने आया कि वर्ष 2018 से अशोक जैन की पंजाब के राजपुरा स्थित डिस्टलरी से भूपेंद्र अवैध शराब खरीद रहा था। हर महीने 15 ट्रक शराब खरीदता था। हर ट्रक में औसतन शराब की एक हजार पेटियां होती थी। एक पेटी की कीमत 500 रुपये होती थी। इससे महीने में करीब 75 लाख लाख और दो साल में करीब 18 करोड़ रुपये की शराब की खरीदारी की गई।
वे अवैध शराब की हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और बिहार में सप्लाई करता था।
भूपेंद्र ही अशोक जैन की अवैध शराब का सबसे बड़ा खरीदार था। भूपेंद्र तीन दिन की रिमांड पर है। उसे सीआइए-टू में रखा गया है। भूपेंद्र को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा। वहीं अशोक जैन पांच दिन की रिमांड पर है। उसे सीआइए-वन में रखा गया है।
वाट्सएप से होती थी कालिग
पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए अशोक जैन और भूपेंद्र सिंह वाट्सएप पर कालिग करते थे। वे एक-दूसरे नहीं मिलते थे। ताकि उनके मोबाइल की लोकेशन न आ जाए। दोनों ही आरोपितों ने अपने विश्वास के व्यक्ति धंधे से जोड़ रखे थे। ताकि पुलिस का शिकंजा कसे तो वे बात अपने ऊपर ले सकें।
ढाबे पहुंचाए जाते थे शराब से भरे ट्रक, ड्राइवर करते थे पेमेंट
भूपेंद्र सिंह ट्रक ड्राइवर को शराब के रुपये देकर भेजता था। राजपुरा के पास ढाबे पर चालक ट्रक को छोड़ देता था। वहां से अशोक जैन के डिस्टलरी का चालक ट्रक को डिस्टलरी ले जाता था और वहां से शराब भरकर ट्रक को ढाबे पर ले आया था। भूपेंद्र का चालक शराब की पेमेंट करता था और ट्रक को लेकर चला जाता था। चालक को भनक नहीं होती थी शराब कहां से आई है। अगर पुलिस के हत्थे चालक चढ़ भी जाता तो वे ढाबे तक पुलिस को ला पाता था। आसपास कोई डिस्टलरी न होने प पुलिस के हाथ सुबूत नहीं लग पाते थे। चौकन्नी होकर पुलिस कर रही है जांच
अशोक जैन शराब के बड़े कारोबारी है। उसका दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के बड़े लोगों के साथ रसुक है। इकोनोमिक्स सेल जैन से बड़ी सर्तकता और चौकस होकर पूछताछ क रही है। अगर थोड़ी सी भी चूक हो गई तो लेने के देने पड़ सकते हैं। आला अधिकारी भी इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं बता पा रहे हैं।