बॉक्सिंग के जुनून में छोड़ी सरकारी नौकरी, अब प्रोफेशनल फाइट में दम दिखाएगा जींद का छोरा
जींद के बहबलपुर गांव का अशीष अहलावत मुम्बई में प्रोफेशनल फाइट में दम दिखाएंगे। बॉक्सिंग से पहले अशीष आर्मी में थे। वहां से रेलवे फिर बॉक्सिंग में कदम रखा।
पानीपत/जींद, [प्रदीप घोघडिय़ां]। जींद के छोरे में बॉक्सिंग का जुनून इस कद्र हावी हुआ कि उन्होंने आर्मी की नौकरी भी छोड़ दी। रेलवे में सेलेक्शन हुआ, लेकिन वह नौकरी भी रास नहीं आई। पूरा ध्यान बॉक्सिंग पर ही लगा दिया। इसके बाद खुद को ऐसा निखारा कि अब प्रोफेशन फाइट में कदम रख देश का नाम रोशन करने जा रहे हैं।
जींद के बहबलपुर गांव का अशीष अहलावत एक फरवरी को मुम्बई में प्रोफेशनल फाइट में दम दिखाएगा। 2017 में दिल्ली में सुपर बॉक्सिंग लीग में आशीष ने ट्रायल दी थी, जिसके आधार पर अब मुम्बई में प्रोफेशनल फाइट के लिए आशीष का चयन हुआ है। अगर यहां अशीष 9 मुकाबले लगातार जीत लेता है तो एशियन चैंपियनशिप और उसके बाद कामनवेल्थ खेलों का रास्ता साफ हो जाएगा।
10 साल पहले बॉक्सिंग में कदम रखा
बहबलपुर के आशीष ने 10 साल पहले बॉक्सिंग की लाइन में कदम रखा था। उसके बाद आशीष ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आशीष जींद के पहले नेशनल चैंपियन बॉक्सर रह चुके हैं। 2011 और 2013 में आशीष ने बॉक्सिंग में इंडिया लेवल पर जूनियर वर्ग में गोल्ड मेडल हासिल किए तो 2014 में प्रदेश में सिल्वर मेडल भी आशीष अहलावत को मिला था। आशीष 2017, 2018 और 2019 में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी खेल चुका है। एक और विशेष बात 2017 में दिल्ली में हुई दुनिया की बड़ी सुपर बॉक्सिंग लीग में आशीष ने चार बॉक्सरों को चित कर दिया था, जिनमें एक दक्षिण अफ्रीका का खतरनाक बाक्सर ईवा शामिल था।
बॉक्सिंग का जुनून, छोड़ दी आर्मी की नौकरी
आशीष अहलावत पर बॉक्सिंग का जुनून इस कद्र हावी है कि उन्होंने इसके लिए आर्मी की नौकरी भी छोड़ दी थी। रेलवे में भी उनका सिलेक्शन हो गया था लेकिन वहां से भी आशीष ने अपने कदम वापस खींच लिए और अपना पूरा ध्यान बॉक्सिंग पर ही लगा दिया। जींद के यदुवंशी शिक्षा निकेतन स्कूल में अपनी एकेडमी खोल ली, जहां वह खुद भी प्रैक्टिस कर रहे हैं और बॉक्सिंग की नई पौध भी तैयार कर रहे हैं। कोच सोमबीर शास्त्री की देखरेख में और परमजीत समोता के मार्गदर्शन में वह बच्चों को काेचिंग के गुर सीखा रहे हैं।
ओलंपिक में देश के लिए मेडल लाना ही लक्ष्य : आशीष
आशीष अहलावत का कहना है कि उसका लक्ष्य ओलंपिक खेलों में देश के लिए मेडल लाना है। इसके लिए वह जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। एक फरवरी को मुम्बई प्रोफेशनल फाइट में उनका पहला मुकाबला है। आगे जैसे ही स्पांसर मिलेंगे, उसके आगे मुकाबले होते रहेंगे।