मनरेगा के तहत खोदाई करते समय 10 मजदूर दबे, दो की मौत
खेड़ा खेमावती गांव में मिट्टी धंसने से दो महिलाओं की मौत हो गई। हादसे में 10 मजदूर फंस गए थे। मजदूर मनरेगा के तहत मिट्टी की खोदाई का काम कर रहे थे।
पानीपत /जींद, जेएनएन। खेड़ा खेमावती गांव में मिट्टी की तोंद के नीचे दबने से दो महिला मनरेगा मजदूरों की मौत हो गई, जबकि आठ महिला मजदूर घायल हो गईं। महिला मजदूर गांव की पंचायती जमीन पर खोदाई करके स्कूल के ग्राउंड का भरत कर रही थीं। हादसे की सूचना मिलते ही डीसी डॉ. आदित्य दहिया, एसडीएम मनदीप कुमार, डीएसपी सुनील कुमार मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। जहां पर ग्रामीणों ने खोदाई करवाने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। इस पर डीसी डा. आदित्य दहिया ने इसकी जांच एडीसी मुनीष नागपाल को सौंप दी।
खेड़ा खेमावती में पंचायती जमीन पर 15 दिनों से मनरेगा स्कीम के तहत 30 महिलाएं मिट्टी की खोदाई में लगी हुई हैं। खोदाई काफी गहराई तक होने से करीब 12 फीट ऊंची तोंद बन गई थी। सुबह उस तोंद के नीचे 10 महिला मजदूर खोदाई कर रही थी, जबकि दूसरी महिला मजदूर मिट्टी को टोकरे के माध्यम से सरकारी स्कूल के प्रांगण में मिट्टी डाल रही थी। इस दौरान अचानक मिट्टी की तोंद गिर गई और उसके नीचे काम कर रही महिला मजदूर दब गई।
महिलाओं ने शोर मचा दिया
महिलाओं के नीचे दबते ही दूसरी महिलाओं ने शोर मचाया तो ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और मिट्टी के नीचे दबी महिलाओं को काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला और उनको निजी व नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने 65 वर्षीय चमेली देवी, 30 वर्षीय निशा को मृत घोषित कर दिया। जबकि मिट्टी के नीचे दबने से रामकली, सुनील देवी की गंभीर हालत के चलते पीजीआइ खानपुर रेफर कर दिया गया। इसके अलावा रामरती, संतोष, राजरानी, राजवंती, संतोष व नन्नी देवी को घायल होने के चलते नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया गया। एडीसी की जांच के बाद पुलिस आगामी कार्रवाई करेगी।