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अरविंद शर्मा के सामने राजनीतिक रसूख के वजूद को कायम रखने की चुनौती

तीन बार सांसद रहे अरविंद शर्मा के सामने राजनीतिक रसूख के वजूद को कायम रखने की चुनौती। भाजपा से बढ़ा रहे नजदीकियां।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 10:56 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 10:56 AM (IST)
अरविंद शर्मा के सामने राजनीतिक रसूख के वजूद को कायम रखने की चुनौती
अरविंद शर्मा के सामने राजनीतिक रसूख के वजूद को कायम रखने की चुनौती

जागरण संवाददाता, करनाल : पूर्व सांसद डॉ. अर¨वद शर्मा के सामने राजनीतिक रसूख के वजूद को कायम रखने की चुनौती सामने आ गई है। वह करनाल संसदीय सीट को ही अपने माफिक मानते हैं और इसी प्रेम की वजह से इस सीट की राजनीति में सक्रिय उपस्थित दर्ज कराने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वोटर की नजर में एक अहम सवाल यह है कि आखिर अब डॉ. शर्मा नई राजनीतिक पारी किस दल से शुरू करेंगे। वह भाजपा में शामिल होंगे, कांग्रेस में वापसी करेंगे या फिर किसी अन्य दल के सहारे चुनावी समर में सामने आएंगे। इन सवालों के जवाब पूर्व सांसद देते हुए कहते हैं कि कार्यकर्ताओं से रायशुमारी के बाद निर्णय लिया जाएगा।

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डॉ. अर¨वद शर्मा ने लगातार दो बार चुनाव जीतकर संसद में करनाल संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। वह पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अश्विनी चोपड़ा के हाथों चारों खाने चित हो गए थे। मोदी लहर में चोपड़ा ने बड़ी जीत दर्ज की थी। हार के बाद डॉक्टर ने कांग्रेस से दूरियां बना ली। उन्होंने बहुजन समाजवादी पार्टी ज्वाइन की। पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी बनाया। जिम्मेदारी बढ़ने पर उन्होंने विधानसभा चुनाव में यमुनानगर और जुलाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों ही सीट से हार का मुंह देखना पड़ा। बसपा के साथ वह लंबी पारी नहीं खेल सके और इस पार्टी को भी अलविदा कह दिया।

भाजपा के साथ नजदीकियां

कांग्रेस के बसपा को अलविदा कहने के बाद उनकी नजदीकियां भाजपा के साथ सामने आई। करनाल में पिछले साल मई माह में भगवान परशुराम जयंती पर समस्त ब्राह्माण समाज की ओर से आयोजित समारोह में डॉ. अर¨वद शर्मा प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के साथ मंच पर आए तो इन बातों ने और जोर पकड़ लिया। इसके बाद यह कयास ही लगाए जाते रहे कि वह भाजपा में शामिल होंगे, लेकिन अब तक भाजपा के साथ दोस्ती पर मुहर नहीं लगी है। इसी बीच में यह भी कयास लगाए जाते रहे कि डॉक्टर शर्मा कांग्रेस की टिकट के प्रबल दावेदार हैं।

अलबत्ता पूर्व सांसद ने 10 साल तक करनाल संसदीय क्षेत्र में सेवा के जरिए जो साख बनाई, उसे कायम रखने के लिए उन्हें गहरी राजनीतिक जद्दोजहद से होकर गुजरना पड़ रहा है। सबसे अहम सवाल यह है कि उन्हें टिकट देने की पूरी गारंटी किस दल के पास है।

विकास कार्य कराने की लंबी फेहरिस्त है : अर¨वद शर्मा

डॉ. अर¨वद शर्मा ने कहा कि एक जुलाई को पानीपत में उनके समर्थकों की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि आगे क्या कदम उठा जाएं। उन्होंने कहा कि सांसद रहते हुए जनता की सेवा की है। बिना किसी भेदभाव के विकास कराएं हैं। उनके कार्यकाल में ही कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू हुआ। नेवल हवाई पट्टी को घरेलू हवाई अड्डा बनाने की घोषणा हुई थी। असंभव से लगने वाले कार्य उन्होंने करके दिखाए। दोबारा अवसर मिलने पर वह फिर से जनता के विश्वास पर खरा उतरेंगे।


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