APJ Abdul Kalam: हरियाणा से गहरा नाता था मिसाइल मैन डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का, जानें उनकी 3 बड़ी यादों के बारे में
APJ Abdul Kalam Death Anniversary मिसाइल मैन वैज्ञानिक पूर्व राष्ट्रपति डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। 27 जुलाई 2015 को मिसाइल मैन दुनिया छोड़ गए थे। उनका हरियाणा से गहरा लगाव था। उनकी यादें आज भी हरियाणा के लोगों के दिलों में ताजा हैं।
पानीपत, जेएनएन। डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को न सिर्फ पूर्व राष्ट्रपति बल्कि मिसाइल मैन और एक महान वैज्ञानिक के रूप में भी जाना जाता है। आज महान वैज्ञानिक डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि है। डाक्टर कलाम हमारे बीच नहीं हैं। उनका हरियाणा से गहरा नाता रहा है। उनकी इन यादों की चर्चा आज भी हरियाणा में होती हैं।
यमुनानगर से था खास लगाव
पूर्व राष्ट्रपति एवं मिसाइल मैन डाक्टर एपजीजे अब्दुल कलाम का हरियाणा के यमुनानगर से बेहद खास लगाव था। आज भी उनसे जुड़ी यादें यहां के लोगों ने संभाल कर रखी हैं। डाक्टर कलाम अपने कार्यकला के दौरान यमुनानगर में आए थे। उन्होंने 4 अप्रैल 2003 में उन्होंने चूहड़पुर हर्बल पार्क का उद्घाटन किया था। डाक्टर कलाम ने यहां नपर रुद्राक्ष का एक पेड़ भी लगाया था। अब यह पेड़ बड़ा हो चुका है और इसमें कई रुद्राक्ष भी लग चुके हैं।
गीता जन्मस्थली में छोड़ गए थे अपनी छाप
गीता की जन्मस्थली कुरुक्षेत्र से मिसाइल मैन डाक्टर कलाम दो बार आए थे। दोनों बार कुरुक्षेत्र के लोगों पर अपनी कार्यशैली की छाप छोड़ गए। साल 2007 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पहुंचे तत्कालीन राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा का अनावरण किया था। ज्योतिसर पहुंचकर वहां की जानकारी ली थी।
गाउन परंपरा बदलने की दी थी सलाह
इसके बाद डाक्टर कलाम साल 2015 में कुरुक्षेत्र के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 12वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे। यहां पर अपने भाषण के दौरान गाउन परंपरा को बदलने की सलाह दी थी। इसके बाद साल 2018 में एनआइटी ने इसमें बदलाव किया था।
यहां बच्चों से मिलाए थे हाथ
कई 2007 में अब्दुल कलाम भिवानी भी आए थे। वहां पर गांव कलिंगा में 36 करोड़ का बजट विकास कार्य के लिए दिया था। गांव के पास में ही हेलीपैड बनाया गया था। गांव में हेलीकाप्टर पहुंचने पर बच्चों में उत्साह था। हेलीकाप्टर से नीचे उतरने के बाद डाक्टर कलाम सीधे बच्चों के पास गए और उनसे हाथ भी मिलाया था।