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अंबाला में अस्पताल से निकलते ही मरीजों को लेकर जा रही एंबुलेंस जाम में फंसी

अंबाला में डिस्चार्ज होने वाले मरीजों को लेकर जाने वाली एंबुलेंस जाम में फंसना आम बात है। जबकि हाइकोर्ट से लेकर केंद्र सरकार ने जाम में एंबुलेंस न फंसे स्पष्ट निर्देश जारी किए है

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 02:37 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 02:37 PM (IST)
अंबाला में अस्पताल से निकलते ही मरीजों को लेकर जा रही एंबुलेंस जाम में फंसी
अंबाला में अस्पताल से निकलते ही मरीजों को लेकर जा रही एंबुलेंस जाम में फंसी

अंबाला, जेएनएन। अंबाला-साहा हाइवे के निर्माण की धीमी गति होने से हर समय जाम लगा रहता है। कम वाहन होने के बावजूद यहां जाम की समस्‍या से निजात नहीं मिलती है। इसी मार्ग पर नागरिक अस्पताल छावनी से रेफर होने वाले अथवा डिस्चार्ज होने वाले मरीजों को लेकर जाने वाली एंबुलेंस  जाम में फंसना आम बात है। जबकि हाइकोर्ट से लेकर केंद्र सरकार ने जाम में एंबुलेंस  न फंसे स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। बावजूद इसके इस मार्ग पर अस्पताल से रेलवे स्टेशन और टांगरी पुल तक हर आधे घंटे पर जाम लग रहा है। जाम को हटाने में ट्रैफिक पुलिस के पसीने छूटे रहे। इसके कारण मरीजों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा, इससे पहले भी ऐसा हो चुका है।

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14.850 किमी है अंबाला-साहा हाइवे

अंबाला साहा के बीच में करीब 14.850 किमी लंबे फोर लेन हाइवे बनाया जा रहा है। हाइवे चौड़ीकरण में सरकार की जरफ से 144 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इस मार्ग के निर्माण उस समय और समस्या आ गई जब लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर अपने अपने घरों के लिए चले गए। मजदूर न होने से हाइवे के निर्माण की प्रगति धीमी हो गई।

कैप्टिल चौक से महेशनगर तक अधिक परेशानी

छावनी के कैप्टिल चौक और महेशनगर के बीच में नागरिक अस्पताल है। यहां छावनी के अलावा आसपास रहने वाले अपना इलाज कराने के लिए आते हैं। अस्पताल में रोजाना इमरजेंसी में 100 और ओपीडी में करीब एक हजार मरीजों का होता है। अगर किसी मरीज को लेकर आना है तो यह तय नहीं है कि पांच किमी का कितने समय में पूरा होगा। क्योंकि करीब पांच किमी जाम लगना आम बात है।

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हाइवे का काम चल रहा है। कहीं कहीं एक तरफ की सड़क बन चुकी है, एक लेन में वाहनों के आने जाने से समस्या आ रही है। इसका समाधान हाइवे का निर्माण पूरा होने के साथ हो जाएगा।

- मनिंद्रर मलिक, प्रोजेक्ट अधिकारी एनएचएआई।


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