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शहर की तर्ज पर प्लान बना हाईटेक बनी अंबाला की उगाड़ा पंचायत, जानें क्‍या-क्‍या हैं सुविधाएं

गांव में शहर की तर्ज पर डोर टू डोर किया जा रहा कूड़े का उठान। यदि कोई नियमों की अवहेलना करता है तो उसे जुर्माना भी लगाया जाता है। सरपंच पति जसविंद्र ने बताया कि पंचायत की ओर से ग्रामीणों को गीला-सूखा कूड़े के लिए डस्टबिन वितरित किए गए हैं।

By Pankaj KumarEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 12:49 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 12:49 PM (IST)
शहर की तर्ज पर प्लान बना हाईटेक बनी अंबाला की उगाड़ा पंचायत, जानें क्‍या-क्‍या हैं सुविधाएं
शहर की तर्ज पर डोर टू डोर उठाया जा रहा गांव से कचरा।

अंबाला शहर, जेएनएन। उगाड़ा पंचायत ने शहर की तर्ज पर गांव का विकास किया है। उसी का नतीजा है कि जिले में हाईटेक पंचायत में उगाड़ा का नाम सबसे पहले आता है। उगाड़ा पंचायत ने स्वच्छता अभियान को धरातल पर कायम करने के लिए नियम कायदे तक बनाये। इन नियमों से दूसरों गांवों को तो सीख मिली ही, बल्कि नगर निगम और नगर परिषद को भी आईना दिखाया। गांव की पंचायत की ओर से कूड़ा उठाने की व्यवस्था की, साथ में गांव सुंदर दिखने का भी ध्यान रखा। कूड़े का उठान शहर की तर्ज पर डोर टू डोर उठाया जा रहा है। यदि कोई नियमों की अवहेलना करता है तो उसे जुर्माना भी लगाया जाता है। सरपंच पति जसविंद्र सिंह ने बताया कि पंचायत की ओर से ग्रामीणों को गीला-सूखा कूड़े के लिये डस्टबिन वितरित किये गये थे।

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पंचायत ने यह बनाये हुये हैं नियम

1. गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करके देना होगा, इसमें मिट्टी न हो। गीले कचरे में किच्चन वेस्ट जैसे खाना, सब्जियों के छिलके व गलने वाला कूड़ा हो और सूखा कचरा में पॉलीथिन, प्लास्टिक, लोहा, कागज, कांच आदि।

2. गीला कचरा तोल कर 25 पैसे प्रति किलो के हिसाब से लिया जाएगा।

3. कचरा देने के लिए कोई दबाव नहीं, लेकिन कोई भी कचरे को खुले में जैसे अपने प्लाट के अन्दर बाहर प्लास्टिक वेस्ट व उड़ने वाला कचरा गोबर को छोड़कर नहीं डालेगा ओर ना ही जलाएगा। अगर कोई गंदगी फैलाते पाया जाता है तो जुर्माना लगेगा। गोबर को भी ढक कर रखना होगा।

4. कोई भी व्यक्ति प्लास्टिक के थैले व पॉलिथीन का इस्तेमाल नहीं करेगा, कपड़े के थैले का इस्तेमाल करे।

5. घर के कचरे की कलेक्शन सुबह होगी। गोबर व राख का कलेक्शन दोपहर को होगा।

6. हर गली के हिसाब से कलेक्शन का समय निर्धारित किया जाएगा। इसमें गलियों के दिन भी लिखे हैं।

7. अगर कर्मचारी सही समय पर घर कचरा लेने नहीं पहुंचता तो 3 रुपये प्रति दिन के हिसाब से मिलेंगे।

8. कूड़ा कलेक्शन में देरी होती है ओर ठेकेदार सूचना देता तो 3 रुपये नहीं मिलेंगे।

9. निर्धारित समय पर कर्मचारियों को कचरा देना होगा।

10. कर्मचारी अपने साथ नया पेपर लेकर आएगा जिसमें नाम के आगे कूड़ा देने का समय और गीले कूड़े का भार लिखकर हस्ताक्षर करने होंगे।

11. इस व्यवस्था के लिए रोजाना 1 रुपया 33 पैसे और महीने के 40 रुपये देने होंगे और दुकानदार को महीने के 80 रुपये देने होंगे।

12. अगर कोई कचरा बाहर गिराता या जलाता है तो उसे जुर्माना होगा।

13. कोई भी व्यक्ति जिसके घर में पशु रखे हुये हैं वह गोबर को गलियों और नालियों में नहीं गिराएगा। अगर गोबर अधिक है रखने की जगह नहीं है तो पंचायत उठायेगी। गलियों-नालियों में गिराने पर जुर्माना किया जायेगा।

14. कोई भी मुख्य सड़क, फिरनी या सार्वजनिक स्थानों पर गोबर के ढेर या पशुओं को नहीं बांधेगा।

15. कोई भी परिवार जिनके घर के पास नालियां ढकी है पानी सीधा नहीं गिराएंगे। जहां घर का पानी लाइन में गिरेगा। घर के पानी के आगे जाली लगानी होगी। कोई भी मर्जी से लाइन को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।

16. सभी अपने नल को घर के अन्दर लगाकर रखे कोई भी नल घर के बाहर ना हो। पशु व गाड़ियो को गली में ना धोए।

गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाये जाने के लिये कदम उठाये जाते हैं। वह चाहती हैं कि उनके गांव की छवि शहर के लोगों में अच्छी हो। अभी तक शहर के लोगाें में यह होता है कि गांव का जीवन अच्छा नहीं है। नगर निगम और नगर परिषद के प्लान को वह गांव में लागू करके दिखाएंगी।

- हरिंद्र कौर, सरपंच उगाड़ा


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