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अंबाला डीजी विजिलेंस ने संभाली कमान तो बड़ी मछलियों तक पहुंचने लगे हाथ, जाने क्या कुछ बदला

अंबाला डीजी विजिलेंस कपूर ने संभाली कमान तो बड़ी मछलियों तक पहुंचने लगे हाथ। छोटे कर्मचारियों तक ही सीमित रहती थी तफ्तीश। भ्रष्टाचार में कड़ियां जोड़कर अफसरों तक पहुंच रही विजिलेंस। डीईटीसी तहसीलदार नायब तहसीलदार एचसीएस अधिकारियों तक पर हो चुकी है कार्रवाई।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 03:30 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 08:05 AM (IST)
अंबाला डीजी विजिलेंस ने संभाली कमान तो बड़ी मछलियों तक पहुंचने लगे हाथ, जाने क्या कुछ बदला
हरियाणा में अंबाला डीजी विजिलेंस शत्रुजीत कपूर।

अंबाला, [दीपक बहल]। हरियाणा में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार का खात्मा करने के लिए राज्य सरकार की उम्मीदों पर डीजी विजिलेंस शत्रुजीत कपूर खरे उतरते दिखाई दे रहे हैं। कपूर की ज्वाइनिंग के चार माह के भीतर ही विजिलेंस की कार्यप्रणाली में बदलाव नजर आने लगा है। कांस्टेबल और पटवारी या फिर एजेंट को रंगे हाथों गिरफ्तार कर अपनी ड्यूटी की इतिश्री करने वाली विजिलेंस को अब बड़ी मछलियों तक पहुंचने के लिए हाथ खोल दिए गए हैं। हालांकि डेपुटेशन पर चल रहे महकमे में काबिल अफसरों की अभी काफी कमी महसूस होने पर कपूर ने प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज और डीजीपी पीके अग्रवाल से पत्राचार कर अफसरों की तैनाती करने की गुजारिश की है।

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पुलिस महकमे से ही डेपुटेशन पर इंस्पेक्टर और डीएसपी विजिलेंस में आते हैं। मौजूदा समय में 57 इंस्पेक्टर की जगह महज 32 इंस्पेक्टर ही डेपुटेशन पर हैं, जबकि इन में से कुछ रिटायरमेंट के नजदीक हैं। ऐसा ही आलम डीएसपी रैंक के अधिकारियों का है, जिनमें 17 में से दस तैनात हैं, जबकि दो रिटायरमेंट के नजदीक हैं। बावजूद इसके विजिलेंस ने एचसीएस अधिकारी, जेल अधीक्षक के आवास तक छापामारी की।

पहले बिजली निगम में बतौर चेयरमैन थे तैनात

बता दें कि हरियाणा सरकार ने आइएएस के पदों पर आइपीएस अफसरों के रूप में शत्रुजीत कपूर की बिजली निगम में बतौर चेयरमैन तैनाती की थी। अब तक चेयरमैन पद पर आइएएस अधिकारी ही तैनात रहे हैं, जबकि शत्रुजीत कपूर पहले आइपीएस अधिकारी हैं, जिनको बिजली निगम में बतौर चेयरमैन तैनाती दी गई थी। सितंबर 2021 में कपूर को विजिलेंस का निदेशक तैनात किया गया था। नियुक्ति के बाद विजिलेंस के सभी अधिकारियों पहले दिन ही निर्देश जारी कर दिए गए थे कि भ्रष्टाचार के मामले मेें चेन बनाकर तफ्तीश करनी है। यह निर्देश दिए गए हैं कि भ्रष्टाचार के मामलों में पूरी कड़ियों को जोड़ना है, जबकि एक या दो गिरफ्तार कर रिकवरी के साथ ही केस की तह तक जाते हुए इसका खुलासा भी करना है कि भ्रष्टाचार की जड़ें कहां तक हैं।

चार माह में दिखे बड़े बदलाव

बीते करीब चार माह में विजिलेंस में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं, जबकि बहादुरगढ़ में जहां आबकारी एवं कराधान विभाग के आयुक्त को पकड़ा गया, वहीं नायब तहसीलदार, एसडीएम, एचसीएस अधिकारियों तक को भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार किया गया है। इन मामलों में प्रमुख बात की जाए, तो डेंटल सर्जन भर्ती की लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों के अंकों में फेरबदल करने के आरोपित एचसीएस अधिकारी अनिल नागर हैं। इस प्रकरण में अभी भी जांच चल रही है, जबकि कुछ और खुलासे भी हो सकते हैं।


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